manish kashyap par kyon laga hai NSA

मनीष पर क्यों लगा है रा0सु0का ( NSA ) पूरा किस्सा इस लेख में पढ़े 

Shubhendu Ke Comments:- लोकतांत्रिक ढांचे में सरकार की आलोचना करना, सुझाव देना, या फिर constructive critsisim करना हमारा अधिकार है to ensure democratic values .

अगर जब सरकार उसको दबाने का प्रयास करेगी या फिर हमारे बोलने पर कुछ कहने पर अंकुश लगाती है तब लोकतांत्रिक ढांचे को तानाशाही में बदलने में समय नहीं लगता ,

ये अधिकार सिर्फ भारत के नागरिक को प्राप्त हैं क्योंकि हम यह नहीं चाहते की कोई यहां पर आकर अपने देश से हमारी देश की तुलना करे और उसको बड़ा और हमको छोटा दिखाने का प्रयास करे। जिससे विवाद उत्पन हो इसलिए ये अधिकारी किसी भी दूसरे देश के व्यक्ति पर इस देश में लागू नहीं होता मतलब विदेशी नागरिक ऐसा नही कर सकते , बोलने और अपनी बातो को रखने का माध्यम : आप लिखकर बोलकर या फिर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया के माध्यम से या फिर प्रेस के माध्यम से ।

इसे आप खुले छत पर भी माइक लगाकर कर सकते हैं 😂 मगर ऐसा कोई करता नही 😁 क्योंकि इससे लोग आपको पागल और बेवकूफ भी समझ सकते हैं😀 और ऐसे में आपकी आवाज और शोर शराबे से तंग आकर परोसी आपको कूट भी सकते हैं ।

तो ज्यादा बेहतर होगा आप अपनी बात को लिखकर बोलकर सोशल मीडिया के माध्यम से रक्खे कोई दूसरा विकल्प हो तो उसको भी चुन सकते हैं जैसे अखबार टीवी रेडियो इत्यादि , सोशल मीडिया अभिव्यक्ति की आजादी यानी की आर्टिकल 19 को empower करने में भी एक अहम रोल अदा किया है जिसमे आप Facebook Meta , YouTube , Twitter , Instagram और भी अन्य प्लेटफार्म है मगर ये परमुख रहें है ।

Freedom of press भी इसी में आता है इसलिए आपको कम बोलने की आजादी है और उनको ज्यादा ऐसा कुछ नही है बस ज्ञान की कमी है , इसीलिए तो रिपोर्टर और जर्नलिस्ट किसी डिग्री का मोहताज नही सिटिजन जॉनलिज्म का जमाना है मगर लिखने बोलने और किसी भी बात को व्यक्त करने में हर व्यक्ति की दक्षता अलग अलग है ,

तो काम काज वही चुनिए जिसमे आपका मन लगता हो देखा देखी में अगर पत्रकार बनने की कोशिश कीजियेगा या फिर खुद को नेता माईक से बनाने की कोशिश करेंगे उस समय आपको मुस्किल का सामना करना पर सकता है , टीवी में ही देखिए किसी भी संस्थान में देखिए अगर कोई व्यक्ति खुद ही संस्थान बनता है तब या तो वो रहता है या फिर संस्था इसका क्लासिक उदहारण चलिए नही देंगे क्योंकि आप लोग उनके फैन हैं और जो किसी व्यक्ति को भगवान मान ले फिर उसके बारे में हम कुछ कहेंगे तो आपको तीत लग जाएगा इसलिए समझ जाइए बहुत सारे लोग अभी भी टीवी छोड़कर youtube पर आ गए बहत है इसमें बिहार से भी है उत्तरप्रदेश से भी है पंजाब से भी होंगे अब समझ जाइए हम नाम नही लेंगे और आप जिसका नाम कहिएगा हम ना में मुड़ी डोला देंगे बुझे 😀 तो चलिए आगे की यात्रा पर चलते हैं ।

रुकिए तनी और इसमें जोड़ देते हैं मीडिया संस्थान खोलने के लिए शुरुआत में आप उद्योग आधार का इस्तेमाल कीजिए जिसमे आपको एक कॉलम मिलेगा journalism and मीडिया और आर्ट वर्क इसको अपने उद्योग आधार में सामिल कीजिए जिससे कि आपको बैंक अकाउंट खोलने में मदद मिलेगी लेकिन इसको भी लेकर आप अभी प्रेस का कार्ड जारी नही कर सकते हैं समय के साथ पैसा आएगा अब आप प्राइवेट कम्पनी के रूप दर्ज हो जाइए लेकिन अभी भी आप प्रेस का कार्ड फिर भी जारी नही कर सकते हैं।

हां संस्थान का नाम और लंद फंद देवा नंद लिख सकते हैं। मगर प्रेस नहीं और ना ही किसी टैग या किसी भी जगह प्रेस लिखा होना चाहिए कुछ लोग लिख लेते हैं मगर लिख नहीं सकते है तब आप पूछिएगा ये कैसे लिखे 😁 तो इसके लिए भारत में दो ही माध्यम सुझाए गए है पहला जुमला के साथ सुनिए तो वो है अकबर इलाहाबादी का कलाम जब खींचो न कमानो को न ही तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अखबार निकालो।

कोई भी अखबार साप्ताहिक वीकली मंथली कुछ भी निकाल लीजिए जैसे की हम है Matti Ki Pukar से जो की एक मंथली मैगजीन जिसका RNI Number :- BIHHIN/2011/48031 है जिसको की आप भारत सरकार के समाचार पत्र पंजीकृत वेबसाइट पर भी जाकर इस नंबर को जब आप डालेंगे तब हमारी संस्था का पहचान और सर्टिफिकेट आपको देखने को मिलेगा इसी में अभी भी हम समाचार संपादक है ।

हालांकि की अभी प्रकाशन उतना नही हो पा रहा है संस्था आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है और संपादक Santosh Kumar ने मुझसे इस्तीफा भी नही मांगा है और समय समय पर हम लोग मुलाकात करते रहते हैं और मैगजीन को पुनः जिंदा करने की भरसक कोशिश में लगे हैं यू नो गरीब लोग गरीब अखबार very sad 😭 कोई मदद भी नही करता क्योंकि संपर्क में कोई मोटा आसामी नही है जैसे ही मिलेगा हमलोग उसको लूट कर देश सेवा में लगा देंगे है न जी 😁 लूटने से मतलब है उसको सब्जबाग दिखाकर उसके advertisement लगाकर उसकी जेब से पैसा निकालना नही तो पता नही इसका भी गलत अर्थ निकलकर कुछ लोग हमको काल कोठडी में बंद कर दे एक रजिस्टर्ड मीडिया कर्मी की आत्मा ही मर जाएगी 😁 बताइए ।

दूसरा है टीवी सूचना और प्रसारण मंत्रालय से मान्यता लेना तीसरा मेरे ख्याल से कोई विकल्प नहीं है।

तो जब भी कोई सोशल यूट्यूब का बंदा खुद को पत्रकार कहे उससे तुरत पूछ लीजिए कौन टीवी कौन अखबार उसको लगेगा की लगता है हम छोटे आर्गेनाइजेशन से है इसलिए ये लोग मुझे बेइज्जत कर रहे हैं मगर आपकी मनसा ऐसी नही थी बल्कि आपकी मानसिकता तो मेरे जैसी थी इसलिए मेरा ये पोस्ट उसको दिखा दीजिए।

अच्छा मजे की बात क्या है की इससे भी वो फर्जी पत्रकार नही होता फर्जी पत्रकार वो है जो गलत आईडी का इस्तेमाल करता है नया परिभाषा है नोट कर लीजिए फर्जी आईडी मतलब फर्जी पत्रकार 😁आईडी नही है तब वो पत्रकार हो सकता है आर्टिकल 19 के तहत 😁 सिटीजन जर्नलिज्म का जमाना है मगर आपको तो पुलिस को डराना है इसलिए आईडी चाहिए !

आपको ट्रैफिक नियम से बचना है इसलिए आईडी चाहिए देखिए भईया पत्रकार का अब वैल्यू कम हो गया है इसलिए ऐसा काम मत कीजिएगा टार्फिक से बचने के लिए आईडी का इस्तेमाल मत कीजिए कागज पत्तर दुरुस्त कीजिए वैसे पुलिस इस मामले में लिबरल जरूर है और आपकी वय्यस्ता को देख कर थोड़ी बहुत लिबर्टी देती है और यह मानवीय आधार पर देती है 🙏 आपसे सहयोग की अपेक्षा पर देती है क्योंकि आप संविधान के चौथे स्तंभ है मगर इसका मिसयूज मत कीजिए भाईजी नही तो फर्जी आईडी के चक्कर में आपको जेल में डाल देगी और फर्जी पत्रकार का ठप्पा लगा सो अलग बच के रहिएगा बुझे की नही 😁

वीडियो ये पुराना अभी का पता बदला हुआ है जो की विजुअल में आपको दिखेगा :-

News Portal Registration In India | Youtube News Channel Registration In India | Fundamental Rights
1. Right to broadcast इसी का हिस्सा है अरे आर्टिकल 19 का बिना लाइसेंस का 😁 बीच में हम आपको लाइसेंस समझा दिए और आईडी था मेरे पास हम बहुत पुराने चावल है जब फेसबुक नही था तब भी मेरे पास आईडी था और अब भी है इसलिए हम थोड़ा सेखी बघार दिए 😁 how intelejent I AM 😂
2. Right to information
3. Freedom of commercial speech
4. Right to criticize
5. Right to expression beyond national boundaries.
6. Right not to speak or silence is also included right to speech and expression
अब इसका
विस्तार 
1. का सार समझ लीजिए नही तो बहुत लंबा हो जाएगा वीडियो बनाना सोशल मीडिया पर रेडियो टीवी पर अपनी बात मास पीपल्स तक पहुंचना चलिए इतने में ही इसको खत्म करते हैं नही तो ये लंबा हो जायेगा।
2.  राइट टू इन्फॉर्मेशन आपको पता ही होगा सूचना का अधिकार आरटीआई वाला हो बुझाया की नहीं जल्दी भागेंगे।
3. फ्रीडम ऑफ कमर्शियल स्पीच मतलब विज्ञापन देना या फिर आजकल जो नेटवर्क मार्केटिंग वाला चिलाता रहता है देखे हैं न जी वो भी इसी राइट को exercise कर रहा होता है 😁 .
4. राइट टू crticise आलोचना करना सरकार का या किसी की भी नीतियों का आप आलोचना कर सकते हैं जैसे शराब बंदी गलत है सही है इसपर डिबेट आप कीजिए मुआवजा कैसे मिलेगा जहरीली शराब वालों को सरकार पैसा उतना कहां से लाएगी रात तक तो 27 या 26 गो दुखद मौत देखने को मिली है ,
                                            इससे पहले कितना मारा उससे पहले कितना मारा कुल मिलाकर अकड़ा 100 के पार तो ही जायेगा है ना जी 400 लाख तो ऐसे ही हो गया बहरहाल आपका पैसा है हम बहुत पूछ लिए और बहुत बोल लिए अब ज्यादा नही बोलेंगे बस यही कहेंगे जब तक बिहार में शराब बंदी है या तो बिहार से बाहर जाकर पीजिए या फिर मत पीजिए नही तो लिस्ट में आपका नाम भी होगा सामिल फिर मेरा लिखा हुआ पढ़ेगा कौन हैं न जी 😂😁 हम सिर्फ मजाक करते हैं अब सरकार बहदूर को हमारे जोक्स पसंद नही आयेंगे तो ये उनकी समस्या है न जी,
तो ये सिर्फ उदहारण था आप कहेंगे आजकल दिल्ली सरकार पर कुछ नही कहते ! अरे अरविंद जी की बात नही कर रहे। हम युग पुरुष की बात कर रहें हैं समझे जी आज उनका भी मजाक उड़ाएंगे, पक्ष और विपक्ष जब अप दोनो को ही crticise करते हैं तब इसमें दिक्कत बहुत है पिटाइएगा न तो दुनु मिल के मारेगा मगर ई चमरी बहुत मोटी है 😁😁 मार खा लेंगे लेकिन आप चाहेंगे की हम किसी पक्ष में हो ले तो ई भाई हमसे न हो पाएगा बहरहाल बढ़ते हैं आगे की।
5. देश के बाहर भी जाकर आप अपनी बात रख सकते हैं मगर उसमे कुछ रोक है राहुल गांधी समझते नहीं है 😁 बताइए इधर उधर जाकर कूद फांद कर लेते हैं फिर खुद ही फंस जाते हैं । 😂😂
6. किसी बात का जबाव नहीं देना भी आपका अधिकार है मगर ऐसा क्लास या फिर परीक्षा में मत कीजिएगा नही तो मास्टर छड़ी से चमड़ी लाल कर देगा और परीक्षा में नंबर सुनना 0 मिलेगा बुझे न।  😀😀😀
नोट : व्याख्या समझने के लिए आपको किताब पढ़ना पड़ेगा नोट ई सिर्फ सार है विस्तार अलग है हम मास्टर नही है मगर इतना भी समझ लीजिए तो आपका अधिकार सुरक्षित रहेगा अब इसमें राहुल गांधी को मत ले आइए नहीं तो कहेंगे देखिए भैया ये अधूरी जानकारी देते हैं आपको भ्रमित करते हैं तो ऐसे लोगो से बचिए 😁 राहुल गांधी बढ़िया लीडर है मगर कभी नरभशा जाते हैं बस उनका इस्तेमाल हम मजाक के तौर पर लिए हैं इसको मजाक रहने दीजिए नही तो हम पर मुकदमा हो जायेगा और अभी तो मेरे अकाउंट में 45 लाख है भी नहीं जब होगा तब देख लेंगे है ना जी और वैसे भी शादी सुदा है सब पैसा मेहरारू के खाते में जमा कर देंगे भाई जेल जाएंगे तो खाता सीज करने के वावजूद भी कम से कम case तो लड़ पाएंगे मेरी तरह अगर बनने की सोच रहे है तो सबसे पहले बियाह कीजिए सबकुछ उसके नाम कीजिए उसको घर में रख दीजिए और खुद गांधी मैदान का रुख कीजिए है ना जी 😂😂😁😁 क्लियर हुआ 😁
अब आते है अगर मगर पर
तो फिर देखते हैं अगर मगर क्या है ? जो की आर्टिकल 19 के क्लॉज 2 में कवर्ड है
जब यही आलोचना या सुझाव सरकार को गिराने जैसे सब्दो या कृत्य में बदल जाए, आप एक साज़िश के तहत चुनी हुई सरकार को गिराने की बात करते हैं या फिर साजिश करते हैं
जो की देश की एकता और संप्रभुता के लिए खतरनाक हो , सुरक्षा खतरे में आए , दूसरे देश से संबंध खराब हो हालंकि लोग रोज पाकिस्तान और चीन को गरियाते रहते हैं अब दुश्मन है इसलिए गरिआएंगे रूस को मत कुछ कहिएगा नहीं तो पटक के सरकार बहादुर जेल में ठूंस देगा है ना जी 😁 सरकार का कोई आदेश खतरे में आए , मोरल वैल्यूज खतरे में आए , कोर्ट के आदेश को आपको मानना होगा , ये सब क्लॉज बाद में लगाएंगे गए है क्योंकि कुछ लोग जो कि बहुत ही बुड़े हैं उनको ध्यान में रखते हुए हम तो देश भक्त है और खून में है।
दादा क्रांतिकारी थे हैं ना जी 😁😁😁 अगर आप इस तरह का कुछ भी कीजिएगा तो आपको काल कोठडी में डाल कर रासुका यानी की NSA लगाया जा सकता है और ये पूर्तः संवैधानिक है ।
तो जो लोग ई कहते है की मनीष पर रासुका लगाना गलत है तो वो अज्ञानी है क्योंकि उन पर यह आरोप है कि की उन्होंने दो राज्यों के बीच हिंसा भड़काने की कोसिस की अब आप कहिएगा वो तो सिर्फ ट्वीट करके पूछा था ना जी तो नही वो चेनई जाकर लोगो से पूछ भी रहे थे ये भुला जाते है न जी 😁 और भी आरोप है और इस तरह के मामलो में जब तक आरोपी आरोप मुक्त नहीं होता तब तक वो गुनहगार गार है।
है ना जी ! इसीलिए उसपर लगा दिया बलि का बकरा बना दिया हमको भी अभी कोई उधारण मिला नहीं इसलिए ये उदहारण हम दे दिए। मनीष के समर्थक माफ कर दीजिएगा 🙏 आप तो समझदार लोग है मनीष को भी कानून पर पूरा भरोसा है और उम्मीद करते हैं उनके चाहने वालों को भी होगा। अब बड़ा सवाल यह है की अब कपिल सिब्बल को कितना पैसा बिहार और तमिलनाडू सरकार  दे रही है ?
आप लोग पूछे नही very bad समर्थक 😁 😁😁 जैसे very bad विपक्ष है कांग्रेस है ना जी! 😁
चलिए बहुत बकैती हो गई है उम्मीद है आपका ज्ञान वर्धन होगा।
वैसे मनीष पर बिहार सरकार भी NSA यानी की रासुका लगा सकती है चलते चलते बता दे की वो बोले थे ना की सरकार पलट देंगे या गिरा देंगे कितने दिन में मुझे याद नही तो यह भी एक प्रकार की साजिश है।
पलटुराम बोलने पर आप पर केस नहीं होगा क्योंकि ये कोई असंसदीय भाषा नही है और मजे की बात ये है की उत्तरप्रदेश के एक विधायक का नाम भी पलटुराम है।
हम राष्ट्रीय मीडिया कवर करते हैं इसलिए हम ज्यादा ज्ञानी है है ना जी ! 😁 how intelligent आई एम !
चलिए अब कुछ दूसरा बकैती तैयार करते हैं।
तब तक आप पढ़िए, लिखने में मेहनत बहुत लगता है। मगर सब मेरे दिमाग में फिट रहता है इसलिए डाटा में कह देते हैं गलती हो सकती है।
मगर बात मोटा मोटी वही होगा असुद्धि भी हो सकता मगर बात वही होगा वीडियो थोड़ी देर में वेबसाइट पर लग जाएगा पुराना है और पुराने समय में हम कितना गन्दा बोलते थे वो। भी देख लीजिए 😁😁 है ना जी।
लेकिन जज और मूल्यांकन सिर्फ ज्ञान के आधार पर कीजियेगा है ना जी ! अब चलते हैं आप सबों की मोहब्बत देख रहे है बढ़ रही है।
इसलिए ये लीजिए ❤️❤️ ❤️ और लड़की और महिला मित्र कुछ और मत समझ लीजिएगा बकायदा शादी शुदा है और मेरी मेहरारू के तीन गो भाई भी है हमर चमड़ी दूह लेगा 😁😁 बुझे न अब ई दिल से और दूर से देख कर नयन सुख लीजिए स्मार्ट तो हम बचपन से ही थे है न जी 😭❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️😀😀😀 💗💗💗💗💗💗😁😁😁
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