This poem describes about selfishness. The person used to focus on his on greed and ignore others and eventually due to some incident, he became alone and now no one is with him becoz of his own selfishness.

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By The Ankit Paurush Show

Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद अंकित पौरुष अभी बंगलोर स्थित एक निजी सॉफ्टवेर फर्म मे कार्यरत है , साथ ही अंकित नुक्कड़ नाटक, ड्रामा, कुकिंग और लेखन का सौख रखते हैं , अंकित अपने विचार से समाज मे एक सकारात्मक बदलाव के लिए अक्सर अपने YouTube वीडियो , इंस्टाग्राम हैंडल और सभी सोसल मीडिया के हैंडल पर काफी एक्टिव रहते हैं और जब भी समय मिलता है इनके विचार पंख लगाकर उड़ने लगते हैं

10 thoughts on “The Ankit Paurush Show – Mujhe Kya | Poetry By Ankit Paurush | Hindi Poetry | Urdu Poetry”
  1. Jai shree kirshana sir
    Koi fariyad kar karta h koi yad karta h
    Ek dusre ka sahara bante h
    Ye duniya fayada nuksan pe chalti h
    Koi ladta h to ladne do
    Bilkul theek kaha sir
    Sab apne fayade ko jeete h
    Tere pass ab na koi aata h
    Sath koi na aana chatha h
    Bahut bahut khub

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