Insaan Pada Zameen Par | Poetry By Ankit Paurush
इंसान पड़ा ज़मीन पर,
लोग समझे मर गया,
अब तक था सफर में,
अब वो अपने घर गया ।
जीने से मरने का सफर,
जीने से मरने का सफर,
तेरा ही कर्म कहलायेगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।
भर तू तिजोरी में दौलत,
वो भी न ले जा पायेगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।
तेरा ही करम, तेरा ही करम,
तुझे राजा या रंक बनाएगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।
रावण कि नाभि का अमृत,
रावण कि नाभि का अमृत,
भी न तुझको बचाएगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।
दिखा दे थोड़ी रेहमत,
भर दे थोड़ी मोहब्बत,
मरने के बाद भी,
तू अमर कहलायेगा,
लोगों के दिल में,
तू अपना घर बनाएगा,
तू खाली हाथ आया था,
तू खाली हाथ जायेगा ।
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Well said ankit ji……dil mai uter gaye word….
Very nice
Right dost 🙏🌺🥰
बहुत बहुत सुन्दर👍
Bahut sunder
👏👏
Radhe kirshana sir🙏🏻🙏🏻
Great lines
Very Heart touching
Zeevan ki sacchai
Bahut khub
Ab wo apne ghar gaya🙏🏻
Khali hath jayega🙏🏻
Wo bhi na le ja payega
Raja ya rank bznyega
Abhiman bhi rah jayega
Bahut sunder lines sir
Big like with huge respect 🙏🏻💐
👌👌👌