जिंदगी को यादगार बनाना है,
छोटे छोटे पलों को जीते जाना है,
उतार चढ़ाव भरी जिंदगी में,
कुछ पल खुद के साथ बिताना है।
हार जीत तो चलती रहती है,
हार से ज्यादा घातक, हार कर बैठ जाना है,
जिंदगी को यादगार बनाने के लिए,
हार को भी हसीन बनाना है।
यही बात को सोच सोचकर,
हजारों बार परेशानियों से लड़ा हूं मैं,
हार कर भी ,युद्ध में खड़ा हूं मैं।
कोई तो खासियत होगी जनाब,
यू ही नहीं जीवन युद्ध में अड़ा हूं मैं,
हारकर खड़ा होना इतना आसान नहीं,
पर हार से ज्यादा घातक हार कर बैठ जाना है,
यही सोचकर जिंदगी को बेहतर बनाना है,
जिंदगी को बेहतर बनाने चला हूं मैं,
जिंदगी को यादगार बनाने चला हूं मैं।
मस्ती में मस्त हो जाओ,
हार को भी जी जाओ,
पर मन में खुदको न हराओ,
जीवन को न निराश बनाओ,
निराशा में भी आशा देखो,
आशा के दीप जलाओ,
जश्न बनाओ, घूमो, नाचो, गाओ,
जश्न बनाने चला हूं मैं,
जिंदगी को यादगार बनाने चला हूं मैं।
खुद के लिए अच्छा सुनने में बड़ा मजा आता,
बुराई से दिल टूट जाता,
इसने ये कहा, उसने वो कहा,
इन सब से दूर चला हूं मैं,
जिंदगी तुझे ढूंढने चला हूं मैं,
तुझे यादगार बनाने चला हूं मैं।
तेरा मेरा, इसका उसका, छोटा बड़ा,अपना पराया
इसमें बटा गया है इंसान,
इन सब के चक्कर में,
भूल गया खुद की पहचान,
उस पहचान को ढूंढने चला हूं मैं,
जिंदगी को यादगार बनाने चला हूं मैं।
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Ankitji🙏🌺
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