डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व कॉन्फ्रेंस के हिंदू विरोधी आयोजकों ने आयुर्वेद और विज्ञान के खिलाफ भी अपना जहर उगला। उनकी सबसे बड़ी समस्याओं में से एक यह थी कि हिंदुत्व के पास यह कहने के लिए वैज्ञानिकों के उत्पीड़न का कोई इतिहास नहीं है कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है या यह कि पृथ्वी गोलाकार है, चपटी नहीं! डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व सम्मेलन में वक्ता अपनी घृणा और अज्ञानता में इस तथ्य को भूल जाते हैं कि कई गैर-संचारी रोग (जैसे मधुमेह, रक्तचाप संबंधी समस्याएं) जीवन शैली के रोग हैं। आयुर्वेद और योग बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली जीवनशैली और खान-पान की आदतों में बदलाव की बात करते हैं। इससे गरीब लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और दवाईयों पर होने वाले खर्च के मामले में काफी बचत होती है। साथ ही, जब वे बीमारी के कारण काम नहीं कर रहे होते हैं तो वे अपनी नौकरी/कमाई भी खो सकते हैं। अगर सिर्फ जीवनशैली और खान-पान में थोड़ा बदलाव करके इनसे बचा जा सकता है, तो ऐसा क्यों नहीं किया जाता? लेकिन तब शायद फार्मास्युटिकल दिग्गज दवाओं की बिक्री से ज्यादा कमाई नहीं कर पाएंगे, है ना? यह निश्चित रूप से हमें उन फार्मास्युटिकल लॉबी की ओर इशारा करता है जो भविष्य में भी इस तरह के डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व सम्मेलनों को फंड कर सकते हैं!

सटीक👍