डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व कॉन्फ्रेंस के हिंदू विरोधी आयोजकों ने आयुर्वेद और विज्ञान के खिलाफ भी अपना जहर उगला। उनकी सबसे बड़ी समस्याओं में से एक यह थी कि हिंदुत्व के पास यह कहने के लिए वैज्ञानिकों के उत्पीड़न का कोई इतिहास नहीं है कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है या यह कि पृथ्वी गोलाकार है, चपटी नहीं! डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व सम्मेलन में वक्ता अपनी घृणा और अज्ञानता में इस तथ्य को भूल जाते हैं कि कई गैर-संचारी रोग (जैसे मधुमेह, रक्तचाप संबंधी समस्याएं) जीवन शैली के रोग हैं। आयुर्वेद और योग बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली जीवनशैली और खान-पान की आदतों में बदलाव की बात करते हैं। इससे गरीब लोगों को अस्पताल में भर्ती होने और दवाईयों पर होने वाले खर्च के मामले में काफी बचत होती है। साथ ही, जब वे बीमारी के कारण काम नहीं कर रहे होते हैं तो वे अपनी नौकरी/कमाई भी खो सकते हैं। अगर सिर्फ जीवनशैली और खान-पान में थोड़ा बदलाव करके इनसे बचा जा सकता है, तो ऐसा क्यों नहीं किया जाता? लेकिन तब शायद फार्मास्युटिकल दिग्गज दवाओं की बिक्री से ज्यादा कमाई नहीं कर पाएंगे, है ना? यह निश्चित रूप से हमें उन फार्मास्युटिकल लॉबी की ओर इशारा करता है जो भविष्य में भी इस तरह के डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व सम्मेलनों को फंड कर सकते हैं!

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

One thought on “डीजीएच सम्मेलन आयुर्वेद और विज्ञान के बारे में गलत क्यों है?”

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