पत्रकारों के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमों को देखना असामान्य नहीं है। हाल ही में हमने एमजे अकबर को एक पत्रकार प्रिया रमानी और आलोक नाथ के खिलाफ विनीता नंदा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करते हुए देखा। ऐसे मुकदमों से बचने के लिए जिन सर्वोत्तम प्रथाओं का पालन किया जा सकता है, उनकी चर्चा स्टीवन प्राइस ने अपने ब्लॉग (https://inforrm.org/2013/11/26/how-to-avoid-defamation-steven-price/) पर की है। आइए देखें कि क्या इन 12 सर्वोत्तम प्रथाओं को भारतीय पत्रकारों की आवश्यकताओं के अनुरूप अपनाया जा सकता है। उल्लिखित पुस्तकों के लिए खरीद लिंक: 1. सोलह तूफानी दिन त्रिपुरदमन सिंह द्वारा: https://amzn.to/3ECSHqE 2. रॉबर्ट ग्रीन द्वारा शक्ति के 48 कानून: https://amzn.to/3tWeZOW

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

2 thoughts on “वे आपको मासकॉम की कक्षाओं में क्या नहीं पढ़ाते – मानहानि का मुकदमा”

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