हाल के दिनों में हमने वीडी सावरकर पर विक्रम संपत की किताब पर बार-बार विवाद होते देखा है। इस किताब में ऐसा क्या अजीब है जो इसे विवादों में डाल देता है? यह इतने सारे पंख फड़फड़ाने का प्रबंधन कैसे करता है? खैर, एक बात के लिए, यह वीर सावरकर के बारे में है! जाहिर है, निहित स्वार्थों वाले बहुत से लोग सावरकर के बारे में सच्चाई के करीब भी कुछ भी प्रकाशित नहीं करना चाहते हैं। इसके अलावा संपत व्यक्ति और उसके समय की एक बहुत ही निष्पक्ष तस्वीर पेश करने में सक्षम रहे हैं, जो आज तथाकथित इतिहासकारों में लगभग अनुपस्थित है। यह उन्हें राजनीतिक और बौद्धिक दोनों रूप से आहत करता है! पुस्तक के लिए खरीद (संबद्ध) लिंक – सावरकर की कई आत्मकथाएँ और पुस्तकें – https://rzp.io/l/SavarkarBooks 1. अंग्रेजी संस्करण का लिंक: https://amzn.to/3IuvwjO 2. हिंदी संस्करण का लिंक : https://amzn.to/3K29W6x भाग 1 – 1 के लिए। अंग्रेजी संस्करण: https://amzn.to/3ss8d4E 2. हिंदी संस्करण: https://amzn.to/3t7HN7i भाग एक पर चर्चा – https: //youtu.be/q0Zn2us8jHg
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बेहतरीन विश्लेषण ❤