1958 का “चार कीट अभियान” कॉमरेड माओत्से तुंग के अधिनायकवादी कम्युनिस्ट शासन द्वारा शुरू किया गया था। उनका उद्देश्य मच्छरों, मक्खियों, चूहों और गौरैया जैसे कीटों को खत्म करना था! वे गौरेया को एक कीट मानते थे क्योंकि ये प्यारे छोटे पक्षी अनाज खाते हैं। आप इस अभियान और इसकी विफलता के बारे में ऑनलाइन अधिक पढ़ सकते हैं। 1. विकिपीडिया लिंक – https://en.wikipedia.org/wiki/Four_Pests_campaign 2. विश्व एटलस – https://www.worldatlas.com/articles/the-four-pests-campaign-objectives-execution-failure- and-consequences.html दो साल से भी कम समय में गौरैया को मारने के परिणामस्वरूप टिड्डियों की आबादी में वृद्धि हुई। उन्होंने अत्यधिक कीटनाशकों के प्रयोग से इसे नियंत्रित करने का प्रयास किया। वे बुरी तरह विफल रहे। इसका परिणाम 1960 के दशक के चीन के कुख्यात अकाल के रूप में हुआ, जिसे माओ के अकाल के रूप में जाना जाता है, जिसके परिणामस्वरूप कहीं न कहीं 15-45 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई।

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By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

3 thoughts on “गौरैयों का कत्ल – हाँ कम्युनिस्टों ने वो भी किया!”
  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति 🙏 कम्बोडिया में भी नरसंहार हुआ था ना इन चिंटू के द्वारा थोड़ा प्रकाश उसपे भी कभी देते 🙏

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