संवाददाता का काम फेयर रहता है, घटना जैसी होती है, वह सिर्फ वही रिपोर्ट करता है। इसकी तुलना में पत्रकार केवल सूचना नहीं देता बल्कि उसका पूर्व प्रतिबिम्ब और आगे उस घटना के प्रभाव पर भी बात करता है। इसलिए पत्रकार से फेयर होने की नहीं बल्कि वीरतापूर्वक सत्य के पक्ष में संबंध होने की वृत्ति की जाती है। जब आप किसी राजनीति के पक्ष में जा रहे होते हैं तो आप पत्रकार नहीं बने रहते हैं, फेयर हो जाता है तो आपका काम ही नहीं था, इसलिए ऐसे किसी व्यक्ति का पक्षकार हो जाता है। फिर जिसपर इनाम घोषित हो, वो इनामी बदमाश होता है तो फिर इनामी पक्षकार भी तो हो सकता है न? तो हमारे इनामी पक्षकार जयपुर के साहित्यकार महोत्सव में थे, जहां एक विशेष सत्रीय जाम वाले लेखक ज्यादा होते हैं। वहाँ उन्होंने एक वीडियो बनाया, किताबें दिखायीं। हमारी पतली चर्चा बैंक और उसी वीडियो के बारे में है। पुस्तकों के लिंक – रविश कुमार (रवीश कुमार) की पुस्तकें – 1. मुफ्त आवाज: https://amzn.to/3kPs2RS 2. एक शहर प्यार में होता है: https://amzn.to/3kZhM9U इतिहास के छात्रों के लिए एक आवश्यक पुस्तक – 3. इतिहास क्या है: https://amzn.to/3HpDUSr महाभारत पर कुछ पुस्तकें – 4. महाभारत: https://amzn.to/3Y5Owwq 5. महाभारत (गीता प्रेस): https://amzn .to/3jtD6Up 6. महाभारत (बिबेक देबरॉय): https://amzn.to/3WX8isZ 7. महाभारत का अनावरण: https://amzn.to/3WVvVlB राणा सफवी की पुस्तकें – राणा सफवी पुस्तकें: https://amzn. to/3RpJWqH गीतांजलि श्री की पुस्तकें – गीतांजलि श्री पुस्तकें: https://amzn.to/3DxhrS3 कुछ अन्य पुस्तकें वास्तव में वीडियो में उल्लेख है – 8. वो 16 दिन (त्रिपुरदमन सिंह पुस्तकें): https://amzn.to/3DxkERT 9. द साइलेंट कूप: https://amzn.to/3RrMFzN

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

6 thoughts on “इनामी पक्षकार और साहित्य उत्सव की राजनीति!”

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