अपने दर्शकों को जोड़ने के लिए अपने सोशल मीडिया पोस्ट या ब्लॉग में कहानी कहने का उपयोग कैसे करें? हर कोई आपको ऐसा करने के लिए कहता है, लेकिन वे यह नहीं बताते कि कैसे। यहां हम चर्चा करते हैं कि इसे व्यावहारिक रूप से कैसे किया जाए! कहानियाँ किसी भी सभ्यता का आधार बनाती हैं। अधिकतर वे उन समाजों की पौराणिक कथाओं के इर्द-गिर्द बुने जाते हैं, जिनमें वे बने हैं। किसी तरह हम देखते हैं कि महान बाढ़ की कहानी हिंदुओं में पाई जाती है और अन्य धार्मिक कहानियों में भी कुछ हद तक नकल की जा सकती है। यह कहा जा सकता है कि कहानी सुनाने की क्षमता ने ही शेरों और इंसानों के बीच अंतर पैदा किया। अगर शेर अपने शिकार की कहानी अपने से छोटों को सुनाता तो हम कभी भी खाद्य श्रृंखला के शीर्ष पर नहीं पहुँच पाते। लगभग चिनुआ अचेबे, नाइजीरियाई उपन्यासकार और निबंधकार द्वारा पेरिस रिव्यू के साथ 1994 के एक साक्षात्कार में दोहराई गई कहावत की तरह, जब तक शेर अपनी खुद की कहानी नहीं सुनाते, तब तक शिकार की कहानी हमेशा शिकारी का महिमामंडन करती रहेगी। इसलिए हम अक्सर बोरिंग डेटा को प्रस्तुत करने के बजाय कहानी कहने के प्रारूप में दर्शकों के सामने लाते हैं। आप सेठ गोडिन की किताब “ऑल मार्केटर्स टेल स्टोरीज़” से कहानी सुनाने के बारे में और जान सकते हैं – श्रव्य: https://amzn.to/3kYM9cY एक प्रचलित नाम महमूद फारुकी रहा है। उस पर बलात्कार का आरोप था और अगर आप पूरे मुक़दमे को देखें तो आपको ये आसानी से समझ में आ जाएगा कि शादी महमूद फारुकी पर इलजाम कोई गलत भी नहीं था ( https://www.ndtv.com/opinion/mahmood-farooqui- और-उनकी-बरी-बलात्कार-मामले-1803070)। आप मुझसे या किसी और से सोशल मीडिया पर किस्से सुनाना, स्टोरी वाचन, स्टोरी टेलिंग या दास्तानगोई सीखते हैं, तो इस तरह के खतरे हमेशा रहते हैं। तो सीखें, लोगों से पूछें, लेकिन नीर-क्षीर विवेक का उपयोग न करें। विशेष रूप से महिलाओं के पास एक पूर्वाभास, या अप्रत्यक्ष नाम की बात होती है। कुछ महसूस हो तो दूर हटिये, महमूद फारुकी वाले मामले जैसी गलती मत कीजिए। कहानी कहने पर हिंदी में पूरा लेख मीडियम पर पढ़ा जा सकता है – https://link.medium.com/4DeKUXWtmjb

मेरा भी बोलते समय गरदन हिलता रहता है l स्थिर सर अच्छा माना जाता है😂
बहुत बढ़िया भैया..😊💐💐
Amazing