गोरखपुर के सिविल लाइंस इलाके के रहने वाले मुर्तजा अहमद अब्बासी ने 2015 में आईआईटी बॉम्बे से पास आउट किया था। उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार पेट्रोकेमिकल्स के साथ काम किया था। यहां तक ​​कि उनके पिता मुनीर अब्बासी भी लंबे समय तक कई वित्तीय कंपनियों के कानूनी सलाहकार रहे हैं। गोरखपुर शिफ्ट होने से पहले परिवार लंबे समय तक मुंबई में रहा। यह सारी जानकारी वाम-उदारवादी गुट के इस तर्क पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है कि गरीबी और निरक्षरता का परिणाम आतंकवाद होता है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि भारत में मुसलमानों के लिए रोजगार या शिक्षा के अवसर समान रूप से उपलब्ध हैं। कहीं न कहीं वे धार्मिक आतंकवाद को चुनते रहे हैं और किसी और कारण से उनका काफिरोफोबिया समय-समय पर खुद को प्रदर्शित करता रहा है! मुर्तजा द्वारा हाल ही में गोरखनाथ मंदिर पर किया गया हमला लोगों को यह पूछने पर मजबूर करता है कि क्या इन कट्टरपंथियों के मूल सिद्धांत गलत हैं? क्या गोरखनाथ मंदिर हमला बड़ी साजिश का हिस्सा है?

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By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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