आदि शंकराचार्य की एक पुरानी कहानी हमें कथात्मक युद्धों और क्रोध के बारे में क्या बता सकती है? खैर, वे एक प्रसिद्ध दार्शनिक थे, इसलिए यह संभव है कि वे क्रोध की मानवीय भावनाओं के बारे में भी कुछ बातें सिखा सकें! इसके अलावा वह अपने समय के कुछ सबसे दुर्जेय विद्वानों को बहस में शामिल करते रहे। तो जाहिर सी बात है कि हम उनके काम से कथा और कथा निर्माण के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं! आदि शंकराचार्य, भारती मिश्रा और मंडन मिश्रा की यह कहानी सहरसा की वेबसाइट (https://saharsa.nic.in/places-of-interest/) पर देखी जा सकती है। जिस स्थान पर यह बहस हुई वह आज पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। सहरसा भी वह क्षेत्र है जहां गौतम बुद्ध ने अपनी यात्रा के दौरान दौरा किया था। आप आदि शंकराचार्य और भारतीय दर्शनशास्त्र के बारे में अधिक पढ़ सकते हैं और मैंने नीचे कुछ लिंक (पाठ्यक्रम के संबद्ध लिंक) प्रदान किए हैं। 1. दीनदयाल उपाध्याय द्वारा जगद्गुरु श्री शंकराचार्य (हिंदी), किंडल संस्करण – https://amzn.to/36jK9bB 2. पवन के वर्मा द्वारा आदि शंकराचार्य – https://amzn.to/3I6edoc

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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