उनकी शिकायत है कि पटाखे फोड़े क्यों हैं? अरे सिर्फ दिया चिह्न से तो कोरोना वैसे भी हिस्सा नहीं, ऊपर से पटखे फोड़ दिए! कोई त्यौहार नहीं है क्या? अपने ऊंचे अटारी से उतरकर जमीन पर आते हैं मियां तो पता चलता है कि ये भारत है। यहाँ तो मृत्यु उत्सव भी है और चैती में “खेले मनसाने में होरी” गाया जाता है। मनपाड़ा में एक महिला की रिपोर्ट जब कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव आई, तब उसे अस्पताल ले जाने का ये वीडियो है। इसमें वो हाथ हिलाकर आस पास के लोगों से विदा ले रही है। अस्पताल में कई दिन रहने के लिए उन्होंने अपना बैग तैयार कर लिया है। वो लोगों को अधिकारी और डॉक्टर सहयोग की अपील करते हैं। वो कह रही है कि बुखार और खांसी जैसे लक्षण पर घबराहट नहीं। डॉक्टर और अधिकारी सहयोग करें और क्वारंटीन/सामाजिक गड़बड़ी जैसी सूचनाओं का पालन करें। जिस बीमारी का इलाज पक्का हो भी जाएगा या नहीं, यह भी पता नहीं, उसे ऐसे उत्सव की तरह, किसी को मिलता है? फर्क तो है भाई! बाकी हम ना भी करें तो क्या होता है? फर्जी नाम-आधार कार्ड पर यात्रा करने वगैरह से तुलना करना ही होगा!

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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