पटना, 19 फरवरी 2025: केंद्रीय बजट 2025 को लेकर बिहार से बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह बजट बिहार की जनता की उम्मीदों पर पानी फेरने वाला साबित हुआ है।

बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं, आर्थिक संकट बरकरार
सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार सरकार 2002 से लगातार विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रही है, लेकिन आज तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई। बिहार की अर्थव्यवस्था पहले से ही संकट में है, राज्य का GDP लगभग 35% कर्ज में डूबा हुआ है, लेकिन केंद्र ने इस बार भी कोई राहत नहीं दी।

रोजगार और शिक्षा पर सरकार की बेरुखी
बिहार में प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम है, जहां यह मात्र ₹60,000 है, जबकि राष्ट्रीय औसत ₹2.28 लाख है। बिहार के युवा रेलवे, सेना और अन्य सरकारी नौकरियों के लिए संघर्ष करते हैं, लेकिन बजट में उनके लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं किया गया। बिहार में उच्च शिक्षा की स्थिति भी दयनीय है। देश में जहां औसतन 15% लोग स्नातक होते हैं, वहीं बिहार में यह आंकड़ा मात्र 6.7% है। पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने की वर्षों पुरानी मांग फिर से नजरअंदाज कर दी गई।

ट्रेन सुविधाओं में कटौती, स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई ध्यान नहीं
सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार के लोग बड़ी संख्या में रोजगार, शिक्षा और इलाज के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं, लेकिन रेल सुविधा को बेहतर करने के बजाय लगातार ट्रेनों की कटौती की जा रही है। लंबी दूरी की ट्रेनों से स्लीपर कोच हटा दिए गए हैं, जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है। जहां राष्ट्रीय औसत स्वास्थ्य खर्च प्रति व्यक्ति ₹6602 है, वहीं बिहार में यह मात्र ₹800 है। पटना एम्स में डॉक्टरों की भारी कमी बनी हुई है, और दरभंगा एम्स का भविष्य भी अंधकारमय नजर आ रहा है।

कृषि और उद्योग के लिए कोई बड़ी योजना नहीं
बिहार में कृषि संकट लगातार गहराता जा रहा है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ नहीं मिल पा रहा, और इस बार के बजट में भी उनकी सहायता के लिए कोई नई योजना नहीं लाई गई। बिहार के उद्योग क्षेत्र को भी झटका लगा है, क्योंकि इस बजट में राज्य के लिए किसी बड़े औद्योगिक विकास की घोषणा नहीं की गई।

ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का वादा, लेकिन कोई ठोस योजना नहीं
सांसद ने केंद्र सरकार के उस ऐलान पर भी सवाल उठाया जिसमें बिहार के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की बात की गई है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ चुनावी जुमला है। न तो इसके लिए कोई बजट आवंटन हुआ और न ही जगह का जिक्र किया गया।”

बिहार के बुनियादी ढांचे पर कोई ध्यान नहीं
सांसद सुधाकर सिंह ने बताया कि बिहार में बिजली दरें देश की सबसे महंगी दरों में शामिल हैं, लेकिन इस बजट में ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए कोई ठोस सहयोग नहीं दिया गया। इसके अलावा, गंगा सफाई और नदियों की गाद हटाने के लिए भी कोई नई योजना नहीं बनाई गई है।

बाढ़ से निपटने की कोई ठोस रणनीति नहीं
कोशी बाढ़ त्रासदी हर साल बिहार के लाखों लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर भी कोई विशेष योजना नहीं बनाई। नेपाल के साथ कोशी हाई डैम पर कोई बहुपक्षीय वार्ता न करने पर भी सांसद ने सवाल उठाए।

“बिहार को हर बार ठगा जाता है”

सांसद सुधाकर सिंह ने इस बजट को पूरी तरह बिहार विरोधी करार देते हुए कहा कि बिहार को हर बार सिर्फ चुनावी वादों से बहलाया जाता है, लेकिन जमीनी स्तर पर विकास के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि बिहार की इन समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और जल्द से जल्द ठोस योजनाएं लागू की जाएं।

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