कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन को ”निर्णायक जनादेश” मिलेगा और प्रधानमंत्री पद के लिए उसके चयन पर फैसला करने में 48 घंटे से भी कम समय लग सकता है। गठबंधन में अधिकतम सीटें पाने वाली पार्टी नेतृत्व के लिए “स्वाभाविक दावेदार” होंगी।
एक साक्षात्कार में सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस महासचिव ने विश्वास जताया कि INDIAN राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) को निचले सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 272 के आंकड़े से “काफी अधिक” सीटें मिलेंगी।
‘एनडीए पार्टियां शामिल होना चाहेंगी’
श्री रमेश ने यह भी कहा कि जब INDIA के गठबंधन दलों को जनता का जनादेश मिल जाएगा, तब एनडीए के कुछ दल गठबंधन में शामिल हो सकते हैं और कांग्रेस आलाकमान को यह निर्णय लेना होगा कि उन्हें गठबंधन में शामिल किया जाए या नहीं।
यह पूछे जाने पर कि क्या चुनाव के बाद जेडी(यू) प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू जैसे एनडीए सहयोगियों के लिए दरवाजे खुले रहेंगे, कांग्रेस नेता ने जबाब में कहा, “नीतीश कुमार पलटी मारने में माहिर हैं।”
उन्होंने कहा, “नायडू 2019 में कांग्रेस के साथ गठबंधन में थे। मैं कहूंगा कि जब INDIA गठबंधन दलों को लोगों का जनादेश मिलेगा, तो न केवल भारत की पार्टियां, बल्कि कुछ एनडीए पार्टियां भी गठबंधन में शामिल हो सकती हैं।”
उन्होंने कहा, “कांग्रेस आलाकमान, खड़गे जी, राहुल जी, सोनिया जी को यह निर्णय लेना होगा कि उन्हें INDIA ब्लॉक में शामिल किया जाए या नहीं।”
श्री रमेश ने कहा कि INDIA और एनडीए के बीच अंतर दो ‘आई’ का है – ‘आई’ का मतलब ‘इंसानियत‘ और ‘मैं’ के लिए ‘इमानदारी‘.
जिन पार्टियों ने ‘इमानदारी (ईमानदारी)’ और ‘इंसानियत उन्होंने कहा कि जो लोग ‘मानवता’ के पक्षधर नहीं हैं, लेकिन एनडीए में हैं, वे भारत की पार्टियों में शामिल हो जाएंगे।
‘सत्तावादी नहीं, बल्कि अधिकारपूर्ण सरकार’
श्री रमेश ने कहा कि जनता से जनादेश मिलने के बाद गठित भारत ब्लॉक सरकार “अधिकारपूर्ण” होगी, लेकिन “अधिनायकवादी” नहीं होगी।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि हम जीत में बड़े दिल वाले होंगे – कोई प्रतिशोध की राजनीति नहीं, कोई प्रतिशोध की राजनीति नहीं। दिलचस्प बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रसिद्ध विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा रहे हैं और दो दिनों तक ध्यान करेंगे। वही विवेकानंद स्मारक जहां से श्री राहुल गांधी ने 7 सितंबर, 2022 को भारत जोड़ो यात्रा शुरू की थी… मुझे यकीन है कि वह (मोदी) इस बात पर ध्यान लगा रहे होंगे कि सेवानिवृत्ति के बाद जीवन कैसा होने वाला है।”
छह चरणों के मतदान के बाद जमीनी राजनीतिक स्थिति के बारे में उनके आकलन के बारे में पूछे जाने पर श्री रमेश ने कहा, “मैं संख्या में नहीं जाना चाहता, लेकिन मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि हमें (भारत ब्लॉक को) स्पष्ट और निर्णायक बहुमत मिलेगा। 273 स्पष्ट बहुमत है, लेकिन यह निर्णायक नहीं है। जब मैं स्पष्ट और निर्णायक कहता हूं, तो मेरा मतलब 272 से कहीं अधिक सीटों से है।”
‘सुंदर लाभ’
उन्होंने दावा किया कि 2004 के नतीजे, जब भाजपा के ‘इंडिया शाइनिंग’ अभियान के बावजूद कांग्रेस ने गठबंधन सरकार बनाने के लिए चुनाव जीता था, 2024 में भी खुद को दोहराएंगे।
श्री रमेश ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना और महाराष्ट्र में “शानदार बढ़त” हासिल करेगी।
उन्होंने कहा, “हम छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और असम में अपनी स्थिति सुधारेंगे। कुल मिलाकर हम 2004 जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं, ‘बीस साल बाद’।”
श्री रमेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस बढ़त हासिल करेगी और भाजपा 2019 की अपनी 62 सीटों की संख्या से अधिक कुछ नहीं कर पाएगी।
उन्होंने कहा, “वे बिहार में 39 सीटों पर सुधार नहीं करने जा रहे हैं, यह असंभव है, वे पश्चिम बंगाल में 18 सीटों पर सुधार नहीं करने जा रहे हैं, यह असंभव है।”
भारत ब्लॉक के नेताओं की बैठक 1 जून को होगी
भारत ब्लॉक के साझेदारों की एक जून को होने वाली बैठक के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि उनके पास इस बात की कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं है कि उस दिन बैठक होने जा रही है, लेकिन भारत ब्लॉक के नेता निश्चित रूप से बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा, “2004 में चुनाव परिणाम 13 मई को आए और 16 मई को यूपीए का गठन हुआ। प्रधानमंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह का नाम 17 मई को सामने आया। डॉ. सिंह का नाम सामने आने में तीन दिन से भी कम समय लगा, हालांकि हर कोई जानता था कि यह डॉ. सिंह ही होंगे, क्योंकि श्रीमती गांधी ने प्रधानमंत्री पद को स्वीकार न करने का अपना इरादा बहुत स्पष्ट कर दिया था, जो उनकी ओर से एक महान बलिदान था।”
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इस बार मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार चुनने में 48 घंटे भी लगेंगे। कुछ ही घंटों में पार्टी के नेता अपना नाम तय कर लेंगे।’’ जनबंधन (चुना जाएगा)। यह बात तर्कसंगत है कि जिस पार्टी को लोकसभा चुनाव में अधिकतम सीटें मिलेंगी, उसे ही चुना जाएगा।जनबंधनउन्होंने कहा, ‘मैं जनबंधन के नेतृत्व का स्वाभाविक दावेदार हूं।’
जब इस बात पर जोर दिया गया कि कांग्रेस संभवतः भारतीय जनता पार्टी में सबसे अधिक सीटें जीतने वाली पार्टी होगी, तो श्री रमेश ने कहा, “आप मेरे बयान की जिस तरह से व्याख्या करना चाहें कर सकते हैं, लेकिन तथ्य यह है कि कांग्रेस के पास सबसे अधिक सीटें हैं।” जनबंधनउन्होंने कहा, “यदि सभी पार्टियां सरकार में भाग लेने जा रही हैं…तो यह तर्कसंगत है कि जिस पार्टी के पास सबसे अधिक सीटें होंगी, वही संसद में जनबंधन का नेतृत्व करेगी।”
प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार
यह पूछे जाने पर कि क्या मल्लिकार्जुन खड़गे, शरद पवार और ममता बनर्जी जैसे दिग्गजों के साथ प्रधानमंत्री पद के लिए आम सहमति बनाना आसान होगा, कांग्रेस नेता ने कहा कि गठबंधन का नारा है ‘मैं नहीं हम, मेरा नहीं हमारा‘.
आलोचकों का कहना है कि इस तरह का विविधतापूर्ण गठबंधन स्थायित्व के लिए अच्छा नहीं हो सकता, इस पर श्री रमेश ने कहा कि मनमोहन सिंह द्वारा 10 वर्षों तक यूपीए गठबंधन सरकार चलाना इसका सबसे अच्छा सबूत है।
उन्होंने कहा, “हम एक स्थिर, पारदर्शी, उत्तरदायी और जिम्मेदार सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
श्री रमेश ने कहा कि एक ‘जनबंधन प्रधानमंत्री’ होगा जो अर्थव्यवस्था को सही दिशा में ले जाएगा।
श्री रमेश ने कहा, “भाजपा की नीति ‘अन्नदाताओं का अपमान और चंदादाताओं का सम्मान’ थी। इसमें बदलाव आएगा। एंजल टैक्स जैसी सभी शोषणकारी कर योजनाएं खत्म हो जाएंगी।”