हरियाणा विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण में कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस की जीत पंजाब समेत पूरे क्षेत्र में पार्टी का मनोबल बढ़ाएगी। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के साथ गठबंधन न होने का फैसला सही साबित हुआ है, और हरियाणा में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है।
हरियाणा में बदलाव का मूड
बाजवा ने कहा कि उन्होंने राज्यभर में यात्रा कर लोगों से मुलाकात की है, और हरियाणा के लोग भाजपा के 10 साल के कुशासन से तंग आ चुके हैं। मुख्यमंत्री बदलने का भाजपा का प्रयास विफलताओं को छुपाने का हताश प्रयास था। उन्होंने कहा, “लोग अब वास्तविक बदलाव के लिए मतदान करने को तैयार हैं।”
बागियों को शांत करने का प्रयास
बाजवा ने बताया कि कांग्रेस के टिकट के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए थे, जिससे कुछ निराशा हुई। हालांकि, उन्होंने बागियों से मुलाकात की और पार्टी की एकता बनाए रखने के लिए उन्हें मनाने में सफल रहे। उन्होंने कहा कि कई उम्मीदवार अब समझ गए हैं कि कांग्रेस के उम्मीदवारों का समर्थन करके वे हरियाणा को भाजपा से मुक्त करने में मदद कर रहे हैं।
दलित विरोधी होने के आरोपों को किया खारिज
भाजपा द्वारा कांग्रेस पर दलित विरोधी होने के आरोपों का जवाब देते हुए बाजवा ने कहा कि कुमारी शैलजा कांग्रेस की सम्मानित नेता हैं और भाजपा के आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से हाशिये पर मौजूद समुदायों के उत्थान के लिए काम करती आई है, जबकि भाजपा ने केवल चुनावी लाभ के लिए समुदायों को विभाजित करने की कोशिश की है।
हरियाणा की जीत का असर पंजाब पर
प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि हरियाणा में जीत पंजाब में कांग्रेस के लिए मनोबल बढ़ाने वाली होगी। पंजाब में लोग भी भाजपा और आप की विभाजनकारी राजनीति से थक चुके हैं, और हरियाणा की जीत कांग्रेस को पूरे क्षेत्र में मजबूत करेगी।
आप के साथ गठबंधन न होने पर संतोष
बाजवा ने कहा कि हरियाणा में आप के साथ गठबंधन न करने का फैसला सही साबित हुआ है। उन्होंने कहा, “आप ने पंजाब में अपने असली रंग दिखा दिए हैं, और हरियाणा में गठबंधन न होने से कांग्रेस की स्थिति मजबूत हुई है।”
किसानों के समर्थन में
जब बाजवा से पूछा गया कि अगर कांग्रेस हरियाणा में सत्ता में आती है तो क्या वे शंभू सीमा से बैरिकेड्स हटाएंगे, उन्होंने कहा कि भाजपा का यह कदम किसानों की आवाज़ को दबाने का प्रतीक है। कांग्रेस की सरकार बनने पर हर कदम किसानों के हित में उठाया जाएगा।