📍 वाशिंगटन डीसी, 06 मार्च 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को भारत के टैरिफ (शुल्क) शासन पर तीखा हमला किया, यह कहते हुए कि भारत के “उच्च टैरिफ” के कारण अमेरिकी कंपनियों के लिए वहां व्यापार करना लगभग असंभव हो गया है।
व्हाइट हाउस से पत्रकारों को संबोधित करते हुए, श्री ट्रम्प ने दावा किया कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर भारी शुल्क लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय सामानों पर अपेक्षाकृत कम कर वसूलता है।
🚨 ट्रम्प का बड़ा बयान:
🗣️ “भारत ने हमें बड़े पैमाने पर टैरिफ लगाया है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते… हालांकि, वे अब सहमत हो गए हैं कि वे अपने टैरिफ में कटौती करेंगे, क्योंकि कोई उन्हें उनके फैसलों के लिए जवाबदेह ठहरा रहा है।”
अमेरिका की नई ‘पारस्परिक टैरिफ’ नीति
✅ 2 अप्रैल 2025 से लागू होगी नई टैरिफ नीति
✅ भारत, चीन, यूरोपीय संघ, मैक्सिको और कनाडा सहित कई देशों पर असर पड़ेगा
✅ भारत पर विशेष रूप से ऑटोमोबाइल सेक्टर में 100% से अधिक टैरिफ लगाने का आरोप
कांग्रेस में ट्रम्प का हमला
🔹 मंगलवार को कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए, ट्रम्प ने भारत की टैरिफ नीतियों को लेकर नाराजगी जताई।
🔹 उन्होंने कहा कि अमेरिका अब उन देशों के खिलाफ ‘पारस्परिक शुल्क’ लगाएगा, जो अमेरिकी सामानों पर अधिक टैक्स लगाते हैं।
💬 “हम अब और नहीं सहेंगे! भारत, चीन, यूरोपीय संघ, ब्राजील, मैक्सिको और अन्य देश हमसे बहुत अधिक शुल्क वसूलते हैं। यह अन्याय है, और अब अमेरिका जवाबी कदम उठाएगा।”
क्या भारत इसके लिए तैयार है?
भारत के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति बन सकती है। यदि अमेरिका अपने नए टैरिफ लागू करता है, तो
🔹 भारतीय निर्यात प्रभावित हो सकता है।
🔹 ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और आईटी सेक्टर पर असर पड़ सकता है।
🔹 दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ सकता है।
वैश्विक व्यापार पर असर
✅ फरवरी में ट्रम्प प्रशासन ने कनाडा और मैक्सिको के आयात पर 25% शुल्क लगाया।
✅ चीन से आयातित सामानों पर 10% अतिरिक्त शुल्क की घोषणा की गई थी।
✅ अब भारत और अन्य देशों को भी इसी नीति का सामना करना पड़ सकता है।
क्या भारत ट्रम्प की मांगों के आगे झुकेगा?
भारत को अब अपनी टैरिफ नीतियों की समीक्षा करनी होगी। क्या भारत अमेरिकी दबाव में अपने शुल्क कम करेगा, या फिर जवाबी टैरिफ लगाकर अमेरिका को टक्कर देगा? यह देखना दिलचस्प होगा।