📅 21 फरवरी 2025 | नई दिल्ली – गृह मामलों पर संसदीय स्थायी समिति ने गृह मंत्रालय को महिला सुरक्षा योजनाओं, जेल आधुनिकीकरण और जनगणना के लिए अपर्याप्त धन आवंटन और उसके सही उपयोग न करने को लेकर कड़ी फटकार लगाई।
🔎 क्या हैं प्रमुख मुद्दे?
🔹 निर्भया फंड का सही उपयोग नहीं – तृणमूल कांग्रेस सांसदों ने सवाल उठाया कि महिला सुरक्षा के लिए बनाए गए निर्भया फंड का दो-तिहाई हिस्सा खर्च ही नहीं हुआ।
🔹 जेल आधुनिकीकरण फंड का केवल 25% उपयोग – 2024-25 में जेल सुधारों के लिए ₹300 करोड़ का बजट आवंटित किया गया था, लेकिन केवल ₹75 करोड़ खर्च हुए।
🔹 जनगणना के लिए कोई ठोस बजटीय आवंटन नहीं – 2021 की जनगणना पहले ही कई वर्षों से टल रही है, और इस वर्ष के बजट में भी इसके लिए कोई मजबूत वित्तीय प्रावधान नहीं दिखता।
🔹 महिला आरक्षण विधेयक पर संदेह – सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक पारित किया, लेकिन जनगणना में देरी के चलते इसे लागू करना मुश्किल हो सकता है।
🔹 दिल्ली में अपराध और पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल – कांग्रेस सांसद अजय माकन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध की दर बहुत अधिक है, लेकिन पुलिस के रिकॉर्ड और केस पेंडेंसी को लेकर भी गंभीर चिंताएं हैं।
🔹 सिंघू बॉर्डर बैरिकेडिंग पर पुनर्विचार – भाजपा सांसदों ने मंत्रालय से किसानों के विरोध के मद्देनजर बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स की समीक्षा करने की अपील की।
🏗️ सीमा प्रबंधन के लिए 80% बजट बढ़ोतरी पर सवाल
📌 बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड मैनेजमेंट के लिए बजट ₹3,756.51 करोड़ से बढ़ाकर ₹5,597.25 करोड़ कर दिया गया।
📌 तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने इसपर जवाब मांगा कि सरकार इतनी बड़ी राशि का उपयोग किस उद्देश्य से कर रही है।
📌 एक सांसद ने कहा – “हम जैसे राज्यों के लिए, जो बांग्लादेश के साथ सीमा साझा करते हैं, सरकार को हमें भी विश्वास में लेना चाहिए।”
🏛️ गृह मंत्रालय का पक्ष
📌 गृह सचिव गोविंद मोहन ने गुरुवार को गृह मंत्रालय, CAPF और CPO के बजट पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी।
📌 शुक्रवार को, उन्होंने दिल्ली पुलिस और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए बजट आवंटन पर रिपोर्ट पेश की।
📌 हालांकि, संसदीय समिति ने मंत्रालय से निर्भया फंड, जनगणना और जेल सुधार पर अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की।
🚨 अब आगे क्या?
🔹 संसदीय समिति ने गृह मंत्रालय को निर्देश दिया कि वह निर्भया फंड और अन्य योजनाओं पर विस्तृत रिपोर्ट पेश करे।
🔹 जनगणना को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल गहराते जा रहे हैं।
🔹 देखना होगा कि महिला सुरक्षा और अन्य योजनाओं में फंड का सही उपयोग कैसे सुनिश्चित किया जाएगा।
💬 क्या सरकार को जनगणना और महिला सुरक्षा के लिए अधिक पारदर्शी होना चाहिए? अपनी राय कमेंट में बताएं! ⬇️