केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सोमवार, 5 अगस्त, 2024 को राज्य सरकारों से स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार पर अधिक खर्च करने का आग्रह किया और पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत आवंटन में कमी के विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया।
लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के लिए अनुदान मांगों पर बहस का जवाब देते हुए श्री नड्डा ने मेडिकल कॉलेजों की संख्या में वृद्धि, स्वास्थ्य देखभाल पर होने वाले खर्च में कमी लाने के लिए उठाए गए कदमों तथा कैंसर और सिकल सेल एनीमिया जैसी बीमारियों की शीघ्र जांच के लिए की गई पहल को सरकार की उपलब्धियों के रूप में गिनाया।
मंत्री ने कहा, “हम सिर्फ घोषणाएं करने में विश्वास नहीं रखते। हम प्रभावी योजना बनाने, अंतिम छोर तक डिलीवरी सुनिश्चित करने, अंतिम छोर तक डिलीवरी में आने वाली बाधाओं की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए कदम उठाने में विश्वास रखते हैं।”
श्री नड्डा ने विरोध प्रदर्शन कर रहे तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को चुनौती दी कि वे सदन को बताएं कि पश्चिम बंगाल सरकार ने डेंगू रजिस्ट्री को केंद्र के साथ साझा क्यों नहीं किया है।
स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के लिए धनराशि में कटौती के विपक्ष के दावों पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य पिछले वर्ष के बजट में 4,200 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन में से केवल 1,806 करोड़ रुपये ही खर्च कर पाए थे।
श्री नड्डा ने कहा, “हम पैसा दे रहे हैं, लेकिन इसे खर्च नहीं किया जाता है। आप पैसा खर्च करें, यदि मौजूदा धन खर्च हो जाता है तो हम और अधिक धन आवंटित करेंगे।” उन्होंने कहा कि इस वर्ष पीएम-एबीएचआईएम के लिए 3,200 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।