हिंद प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक सहयोग के लिए क्वाड के गठन के बाद इस क्षेत्र के दूसरे प्रमुख देशों को मिला कर एक बड़ा आर्थिक सहयोग संगठन बनाने की शुरुआत सोमवार को जापान की राजधानी में टोक्यो में हुई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और जापान के पीएम फुमियो किशिदा की उपस्थित में 13 देशों को मिला कर हिंद प्रशांत आर्थिक फ्रेमवर्क (आइपीईएफ) बनाने की घोषणा की गई।
फ्रेमवर्क में भारत, अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रुनेई, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया और विएतनाम शामिल हैं।
संयुक्त घोषणा पत्र में बताया गया है कि यह फ्रेमवर्क कोरोना महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले से उत्पन्न मौजूदा कई समस्याओं, जैसे सप्लाई चेन में बाधा, महंगाई में वृद्धि, डिजिटल धोखाधड़ी में बढ़ोतरी, स्वच्छ ऊर्जा, से निपटने में आपसी सहयोग की दिशा सुनिश्चित करेगा। दुनिया के बड़े विशेषज्ञ इसे वैश्विक सप्लाई चेन में चीन पर विश्व की निर्भरता को कम करने के तौर पर भी देख रहे हैं।
इसे “”बगैर चीन की दुनिया”” भी कहा जा रहा है
बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि फ्रेमवर्क इस क्षेत्र को वैश्विक आर्थिक विकास का इंजन बनाने की हमारी सामूहिक इच्छाशक्ति की घोषणा है। इतिहास इस बात का गवाह है कि भारत सदियों से इस क्षेत्र में कारोबारी गतिविधियों के केंद्र में रहा है। टिकाऊ सप्लाई चेन की स्थापना के लिए उन्होंने 3 टी यानी ट्रस्ट (भरोसा), ट्रांसपैरेंसी (पारदर्शिता) और टाइमलीनेस (सामयिकता) का मंत्र भी दिया।
भारत के संदर्भ में अमेरिका ने कहा है कि वह इस फ्रेमवर्क का एक महत्वपूर्ण सदस्य होगा। वैसे यह संकेत है कि यह आर्थिक सहयोग व्यवस्था के निर्देश में ही चलेगा। 13 सदस्य देशों की वैश्विक अर्थव्यवस्था में 40 प्रतिशत हिस्सा है। अगले 30 वर्षों के दौरान इस हिस्से का दुनिया की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में सबसे अहम भूमिका रहेगी।
आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा,
संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद