निकाय चुनाव
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नगर निकाय चुनाव में एक तरफ राजनीतिक दल अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं, तो दलों के अंदर भितरघातियों ने भी सक्रियता बढ़ा दी है। ऐसे कुछ भितरघातियों की करामात उजागर होने के बाद इन लोगों को मुख्य जिम्मेदारी से किनारे किया जा रहा है। यह खींचतान भाजपा, सपा और कांग्रेस में अब खुलकर सामने आ गई है।
यह भी पता चला है कि संगठन की ओर से भितरघातियों की पहचान करने के लिए भी एक टीम अलग से बनाई गई है। तीनों पार्टियों के महापौर प्रत्याशियों के केंद्रीय कार्यालयों में देर रात तक होने वाली बैठकों से ये बातें निकलकर आई हैं कि बिरादरी के आधार पर कुछ ऐसे भी नेता सामने आ गए हैं, जो वोट बैंक का ठेका ले रहे हैं। सबसे ज्यादा बिरादरीवाद की लड़ाई इस समय ब्राह्मण मतदाताओं को लेकर है। राजनीतिक दलों के बीच एक धड़ा ऐसा है, जो ब्राह्मण वोटों को सरयूपारी और कान्यकुब्ज में बांटकर महापौर प्रत्याशियों को जीत और हार के सपने दिखा रहे हैं।