उत्तर प्रदेश के हथरस में 2 जुलाई, 2024 को नारायण साकार हरि “भोले बाबा” के समागम में हुई भगदड़, जिसमें 121 लोगों की जान चली गई, के मामले में पुलिस ने 3,200 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दायर की है। इस घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था, खासकर क्योंकि मृतकों में ज्यादातर महिलाएं थीं।
चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कार्यक्रम की अनुमति प्राप्त करने वाले मुख्य आयोजक और जिम्मेदार लोग शामिल हैं। इस मामले में 1 अक्टूबर को मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर समेत 10 आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जबकि एक आरोपी, मंजू यादव, इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत पर रिहा हैं।
भगदड़ के पीछे भीड़ प्रबंधन में गंभीर खामियां पाई गई हैं। जहां कार्यक्रम की अनुमति 80,000 लोगों के लिए थी, वहां लगभग 2.50 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे, जिससे कुप्रबंधन और अफरातफरी फैल गई। हालांकि, आयोजकों के वकील का दावा है कि भीड़ में भगदड़ कुछ अज्ञात लोगों द्वारा किए गए जहरीले पदार्थ के छिड़काव के कारण मची थी।
इस मामले में एसआईटी द्वारा जांच जारी है और एक अलग न्यायिक जांच भी चल रही है। भगदड़ के तुरंत बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था, जो इस त्रासदी के पीछे किसी साजिश की संभावना की भी जांच कर रहा है।