Mukhtar Ansari Family: One son in jail, another absconding, 75 thousand reward on wife, know Mukhtar's family?


मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए दस साल की सजा सुनाई है। साथ ही पांच लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को चार साल की सजा हुई है। ऐसे में उनकी लोकसभा सदस्यता जाने का खतरा है। 

एक वक्त था जब मुख्तार और उसके परिवार की पूरे उत्तर प्रदेश में तूती बोलती थी। पूर्वांचल का कोई भी ऐसा सरकारी ठेका नहीं था, जो उसकी मंजूरी के बगैर किसी और को मिल जाए। मुख्तार की पत्नी से लेकर बेटों तक पर गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्तार का परिवार काफी समृद्ध रहा है। ऐसे में आज हम आपको मुख्तार के परिवार की पूरी कहानी बताएंगे। मुख्तार के परिवार में कौन क्या था और अभी कौन क्या है? आइए जानते हैं… 

 



दादा स्वतंत्रता सेनानी, पिता वामपंथी नेता रहे 

मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुआ। परिवार का काफी नाम था। लोग खूब सम्मान करते थे। मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे। वे 1926-1927 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और फिर मुस्लिम लीग अध्यक्ष भी रहे।

कहा जाता है कि डॉ. अंसारी महात्मा गांधी के काफी करीबी थे। वह गांधीवादी विचारधारा से जुड़े थे। जब देश का बंटवारा हुआ तो डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के परिवार के कई सदस्य पाकिस्तान चले गए। डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के बेटे सुब्हानउल्लाह अंसारी देश के बड़े वामपंथी नेता थे। सुब्हानउल्लाह ने बेगम राबिया के साथ शादी की थी। दोनों से तीन बेटे हुए। सिबकतुल्लाह अंसारी, अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी। 

 


1. सिबकतुल्लाह अंसारी : दो बार विधायक रह चुके हैं। 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर और 2017 में कौमी एकता दल के टिकट पर सिबकतुल्लाह ने चुनाव जीता था। सिबकतुल्लाह का एक बेटा है सुहेब उर्फ मन्नु अंसारी। इस बार सुहेब ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीता है। 

 


By Automatic RSS Feed

यह खबर या स्टोरी Aware News 24 के कर्मचारियों द्वारा संपादित नहीं की गई है और एक सिंडिकेट फीड से प्रकाशित हुई है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी. मुकदमा दायर होने की स्थिति में और कोर्ट के आदेश के बाद ही सोर्स की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed