चल रहे आयुष्मान भव अभियान के दौरान 4.4 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं – जो सूचीबद्ध अस्पतालों में प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्रदान करते हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 29 दिसंबर को कहा कि अभियान के दौरान पांच करोड़ से अधिक आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) भी बनाए गए।
इसमें कहा गया है कि यह 28 दिसंबर तक के आंकड़ों को प्रतिबिंबित करता है।
चल रहे आयुष्मान भव अभियान के तहत, 28 दिसंबर तक 13.8 लाख स्वास्थ्य मेलों में आयुष्मान आरोग्य मंदिर मेलों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेलों की संचयी संख्या 11 करोड़ से अधिक तक पहुंच गई है।
मेलों में 9,21,783 स्वास्थ्य, योग, ध्यान और 1.02 से अधिक टेली परामर्श शामिल थे। इसके अलावा लगभग 6.4 करोड़ लोगों को मुफ्त दवाएं और 5.1 करोड़ लोगों को मुफ्त निदान सेवाएं प्राप्त हुईं।
इसके अलावा 74,04,356 लोगों को आयुष सेवाएं प्राप्त हुईं और 10,99,63,891 लोगों को जीवनशैली गतिविधियों के लिए परामर्श दिया गया।
साथ ही 45,43,705 गर्भवती माताओं ने पहली तिमाही में पंजीकरण कराया और पहली पूर्ण न्यूट्रोफिल गिनती (एएनसी) जांच पूरी की और 29 लाख से अधिक माताओं और 49 लाख बच्चों को टीकाकरण प्रदान किया गया।
18.9 करोड़ लोगों के लिए सात प्रकार की स्क्रीनिंग – टीबी, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मौखिक कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और मोतियाबिंद – आयोजित की गई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मेलों में 1,54,41,950 लोगों का पंजीकरण हुआ। 1.1 करोड़ से अधिक रोगियों ने सामान्य ओपीडी में परामर्श लिया, जबकि 49,67,675 रोगियों ने विशेषज्ञ ओपीडी में परामर्श लिया। इसके अलावा 28 दिसंबर तक 38,309 बड़ी सर्जरी और 1,30,760 छोटी सर्जरी की गई हैं।