सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने 24 सितंबर को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर 21 सितंबर को उच्च सदन की आगंतुक गैलरी में बैठे लोगों के एक समूह द्वारा “राजनीतिक नारेबाजी” की घटना पर तत्काल कार्रवाई की मांग की।
श्री रमेश, जो राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक हैं, ने हाल ही में समाप्त हुए विशेष सत्र के दौरान 21 सितंबर को उच्च सदन में “चौंकाने वाली घटना” के बारे में “गंभीर चिंता” और “गहरी निराशा” व्यक्त की।
सूत्रों के अनुसार, श्री रमेश ने अपने पत्र में कहा, आगंतुक दीर्घा में बैठे लोगों के एक समूह को सदन के परिसर में नारेबाजी और हंगामा करते हुए सुना गया।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, इस घटना से न केवल हंगामा हुआ बल्कि सदन के भीतर नियमों और विनियमों को लागू करने पर गंभीर सवाल भी खड़े हो गए।
श्री रमेश ने कहा कि राज्यसभा के कड़े सुरक्षा उपायों और उसके मार्शलों की कड़ी मेहनत के बावजूद, लोगों का एक समूह राजनीतिक नारेबाजी करने में सक्षम था। सूत्रों ने पत्र में श्री रमेश के हवाले से कहा, “यह घटना नियम 264 के स्पष्ट उल्लंघन में हुई, जो संसदीय सत्र के दौरान आगंतुक गैलरी में व्यक्तियों से अपेक्षित आचरण को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है।”
उन्होंने कहा कि राज्यसभा में प्रक्रिया और कामकाज के संचालन के नियमों के नियम 264 में आगंतुकों के लिए नियम तय किए गए हैं।
उन्होंने श्री धनखड़ से अपने पत्र में कहा, तथ्य यह है कि 50 से अधिक आगंतुक नारे लगाने में सक्षम थे, यह “गंभीर चिंता” का विषय है।
उन्होंने कहा, इस गंभीर उल्लंघन के जवाब में विपक्षी दलों के सदस्य विरोध स्वरूप बहिर्गमन कर गये।
उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि इस घटना की पूरी तरह से जांच की जाए कि राज्यसभा की सीमा के भीतर सुरक्षा और मर्यादा का उल्लंघन कैसे संभव हुआ।”
व्यवधान के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। श्री रमेश ने पत्र में कहा कि जो भी सांसद इस घटना को बढ़ावा देने में शामिल पाया गया, उसे भी उचित परिणाम भुगतने होंगे।
कांग्रेस नेता ने राज्यसभा के सभापति से इस मामले के समाधान के लिए तत्काल और कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “हमें संसद की पवित्रता की रक्षा के लिए सब कुछ करना चाहिए।”