पटना, 22 मार्च 2025: बिहार दिवस के अवसर पर आईआईबीएम परिसर में पाटलिपुत्र संवाद का विधानसभा अध्यक्ष श्री नंदकिशोर यादव के करकमलों से विधिवत शुभारंभ हुआ।
मुख्य अतिथि श्री यादव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार दिवस के इस पावन अवसर पर, हमें अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व है। पाटलिपुत्र संवाद जैसे मंच हमें इस विरासत को संरक्षित करते हुए आधुनिक विकास की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने बिहार की असीम क्षमता को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारे युवाओं को बेहद सीमित सरकारी नौकरियों पर निर्भर रहने की बजाए नए अवसरों की तलाश करनी चाहिए और उद्यमिता को अपनाना चाहिए।
पूर्व आईएएस और बिहार विद्यापीठ श्री विजय प्रकाश ने अपना संबोधन बिहार के नाम की उत्पत्ति पर प्रकाश डालाने से शुरू की। उन्होंने आगे कहा कि संस्थानों का क्षय शिक्षा के पतन का कारण बनता है, जिससे समाज पिछड़ जाता है। नालंदा विश्वविद्यालय का पतन बिहार के आर्थिक शक्ति के रूप में क्षय का एक प्रमुख कारण था। पिछले 20 वर्षों में जो विकास हुआ, वह सार्वजनिक निवेश से प्रेरित था। निजी निवेश की गति धीमी रही, जिसने इसकी संभावनाओं को प्रभावित किया। विकसित भारत 2047 के सपने को साकार करने के लिए शिक्षा संस्थानों को नवीनतम तकनीक को अपनाने की सख्त जरूरत है।
विशेष अतिथि श्री अभयानंद ने युवा सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि बिहार के युवा न केवल शिक्षा और तकनीक में आगे बढ़ रहे हैं, बल्कि वे अपनी सांस्कृतिक जड़ों को भी मजबूत कर रहे हैं। ‘सुपर 30’ जैसी पहल इस बात का प्रमाण हैं कि युवा शक्ति से ही राज्य का भविष्य उज्ज्वल होगा। साथ ही, उन्होंने शिक्षकों और विद्यार्थियों को रटने की संस्कृति की जगह अनुभव आधारित लर्निंग अपनाने का सुझाव दिया।
बिहार विकास मिशन के कंसलटेंट श्री अलोक कुमार ने स्वतंत्रता के बाद से 1990 तक संस्थागत और राजनीतिक विफलताओं के कारण बिहार की अर्थव्यवस्था में मंदी को रेखांकित किया। उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो दशक में कई गुणात्मक सुधार हुए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
पहले तकनीकी सत्र में बिहार की विरासत को अर्थव्यवस्था से जोड़ने पर विस्तार से चर्चा हुई। डॉ. भावना शेखर, डॉ. कुमार विमलेंदु सिंह, और श्री मनीष कुमार ने बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को आर्थिक समृद्धि से जोड़ने की संभावनाओं पर चर्चा की।
बिहार के विकास में उद्यमिता की भूमिका पर केंद्रित सत्र में श्रीमती सोनल कृति, श्री दिलखुश कुमार, श्री हर्ष भगत, और श्री सौरव सिंह ने बिहार में उद्यमिता की संस्कृति को बढ़ावा देने पर अपने विचार प्रस्तुत किए। स्टार्ट अप को लेकर बिहार में कई प्रयास किए जा रहे हैं और युवाओं को इस उभरते हुए क्षेत्र का लाभ लेना चाहिए।
“कलम और लोग” सत्र में कथेतर साहित्य के माध्यम से बिहार की सुनी-अनसुनी कहानियों को प्रस्तुत करने के विषय पर चर्चा हुई। इस सत्र में वरिष्ठ पत्रकार श्री अजय कुमार, श्री संतोष सिंह और लेखक श्री मृत्युंजय शर्मा शामिल हुए। इस दौरान बिहार की यात्रा के विभिन्न पड़ावों पर सारगर्भित चर्चा हुई।
पहले दिन के अंतिम सत्र में “कृषि और संबद्ध उद्योगों में नवाचार” विषय पर चर्चा हुई। इसमें श्री हेमंत दास, श्री पीयूष कुमार, और श्री शैलेन्द्र कुमार चौधरी ने कृषि क्षेत्र में नवाचारों पर प्रकाश डाला।
“पाटलिपुत्र संवाद” के पहले दिन शिक्षाविदों, विभिन्न कॉलेजों के प्रोफेसरों और छात्र-छात्राओं सहित 200 से अधिक अतिथि शामिल हुए।
पाटलिपुत्र संवाद टीम के कुमार हर्ष और आशुतोष कश्यप ने इस दो दिवसीय आयोजन के उद्देश्यों के बारे में प्रकाश डालते हुए कहा कि इस सम्मेलन के ज़रिए बिहार की शिक्षा, कृषि, उद्यमिता और आर्थिक शक्ति को सुदृढ़ करने का लक्ष्य है। साथ ही, हमारा प्रयास अधिक से अधिक युवाओं तक पहुँच बनाकर बिहार की छवि को बदलना भी है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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