Highlights
- किसी भी वाहन में किसी भी तरह का बदलाव करवाना मॉडिफिकेशन कहलाता है
- कुछ मैकेनिक ऐसे भी होते हैं जो पूरी कार को ही रीडिजाइन कर एक अलग कार बना देते हैं
- बाइक और कार से लेकर किसी भी वाहन में किसी भी तरह का बदलाव करना अवैध है
बाइक और कार में बदलाव कर इसे मॉडिफाई करवाते हैं। इससे वाहन के लुक और डिजाइन में बदलाव आ जाता है। कई बार तो मॉडिफाई कार और बाइक की पहचान कर पाना मुश्किल होता है।
भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में मॉडिफाई कार और बाइक देखने को मिल जाती हैं। इससे वाहन की खूबसूरती बढ़ जाती है। कई देश में मॉडिफाई करवाने के बाद लोग मॉडिफाई करने वाले की तारीफ करते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ देश की सरकारें भी मॉडिफाई करने वाले को सम्मानित करती है। दुनिया की सबसे लंबी कार को मॉडिफाई कर बनाया गया है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में इसका नाम दर्ज है। लेकिन क्या हमारे देश में बाइक और कार रीडिजाइन करना लीगल है। आखिर क्या है इसके पीछे की वजह? सड़कों पर कई मॉडिफाइड बाइकें और कारें देखने को मिल जाती है।
बाइक और कार मॉडिफिकेशन क्या होता है
बाइक कार या फिर किसी भी वाहन में किसी भी तरह का बदलाव करवाना मॉडिफिकेशन कहलाता है। कुछ लोग बाइक की लाइट निकलवा कर अलग से एलईडी लाइट लगवा लेते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं अधिक ध्वनि के लिए साइलेंसर बदलवाने और प्रेशर हॉर्न का इस्तेमाल करना बाइक मॉडिफिकेशन के अंतर्गत आता है। कार मॉडिफाई कर लुक और डिजाइन में बदलाव करते हैं। कुछ मैकेनिक ऐसे भी होते हैं जो पूरी कार को ही रीडिजाइन कर एक अलग कार बना देते हैं।
क्यों करवाते हैं वाहन Modify
भारत सहित दुनिया के तमाम देशों के युवा सड़क पर अन्य लोगों से अलग दिखने के लिए वाहन मॉडिफाई करवाते हैं। इससे बाइक और कार की खूबसूरती बढ़ जाती है। मॉडिफिकेशन करने के बाद कई बार तो पहचानना भी मुश्किल होता है कि आखिर वह वाहन कौन सा है। कुछ लोग मॉडिफाई कार कंपनी का नाम बदल देते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ मैकेनिक अलग-अलग इंजन और पार्ट का इस्तेमाल कर लगते है और वाहन बनाने की कोशिश करते हैं।
वाहन Modify करवाना Legal है या illegal
हमारे देश में बाइक और कार से लेकर किसी भी वाहन में किसी भी तरह का बदलाव करना अवैध है। कुछ लोग वाहन मॉडिफाई करते समय इंजन नंबर और चेसिस नंबर तक को बदल देते हैं। ऐसे में उस वाहन की पहचान छुप जाती है। हमारे देश में यह पूरी तरह से अवैध है। वाहन में अधिक बदलाव करने से ड्राइवर की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो सकता है। इससे दुर्घटना की भी स्थिति बनी रहती है। ट्रैफिक पुलिस चालान करते समय भी यह तय नहीं कर पाते हैं कि आखिर किस वाहन पर चालान करें। पूरी तरह से अवैध होने के बावजूद भी कई लोग इस तरह का कार्य कर रहे हैं