📌 नई दिल्ली | 21 फरवरी 2025 – तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयिप एर्दोगन द्वारा पाकिस्तान यात्रा के दौरान कश्मीर मुद्दे पर की गई टिप्पणी को लेकर भारत ने कड़ा विरोध जताया है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को बयान जारी कर स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर किसी बाहरी देश को टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है।
🔹 भारत ने तुर्की के राजदूत से जताया कड़ा ऐतराज
MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा –
“हम उन मामलों पर इस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं जो भारत के आंतरिक मामले हैं। हमने नई दिल्ली में तुर्की के राजदूत के साथ इस पर मजबूत विरोध दर्ज कराया है। भारत की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता पर इस तरह के अनुचित बयान अस्वीकार्य हैं।”
🔹 भारत का दो-टूक जवाब
▪ जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।
▪ किसी भी बाहरी देश को भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं।
▪ पाकिस्तान प्रायोजित सीमा-पार आतंकवाद ही कश्मीर के लोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा।
🔹 एर्दोगन ने क्या कहा था?
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपनी पाकिस्तान यात्रा (16-17 फरवरी, 2025) के दौरान कहा था –
“कश्मीर मुद्दे को बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए और इसमें कश्मीरियों की आकांक्षाओं को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा – “हमारा राष्ट्र और सरकार कश्मीरी भाइयों के साथ एकजुटता में खड़ा है, जैसे कि वह अतीत में भी खड़ा रहा है।”
🔎 निष्कर्ष
तुर्की द्वारा बार-बार कश्मीर मुद्दे पर बयान देना भारत को स्वीकार्य नहीं है। भारत ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की टिप्पणियां भारत-तुर्की संबंधों पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं। भारत ने यह भी इशारा किया कि तुर्की को पाकिस्तान के बजाय सीमा-पार आतंकवाद पर ध्यान देना चाहिए।