जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 14 सितम्बर। ::

भारत के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच सम्पर्क भाषा बने हिन्दी। उक्त बातें वरिष्ठ पत्रकार सह समाजसेवी मोहन कुमार ने हिन्दी दिवस के अवसर पर कही।

उन्होंने कहा है कि वैश्वीकरण के इस दौर में भारत में अधिकांश कार्य अंग्रेजी में हो रहा है, जिससे हिन्दी की उपयोगिता दिनों दिन कम हो रही है, जबकि देश के सभी क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान करते हुए, हिन्दी को सर्वोपरि भाषा के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए।

मोहन कुमार ने कहा कि हिन्दी को भारत में सम्पर्क भाषा बनाने का प्रयास करना होगा। हिन्दी राष्ट्रभाषा एवं राष्ट्रीय होने लायक है, क्योंकि राष्ट्रीय भाषा वही हो सकती है, जिसे अधिकांश लोग बोलते हो, समझते हो और समझने में सुगम हो।

उन्होंने कहा कि वैसे भी केन्द्र सरकार ने भी नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में हिन्दी भाषा को प्राथमिकता देकर प्रशंसनीय कार्य किया है।
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