Goods and Services Tax collection touched the highest level in the month of April 2023

भारत में वित्तीय वर्ष 2023-24 की शुरुआत ही अप्रेल 2023 माह से हुई है एवं नए वित्तीय वर्ष के प्रथम माह में ही अर्थात अप्रेल 2023 माह में GST Collection 187,035 करोड़ रुपए का रहा है और यह एक नए रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। पूर्व में अप्रेल 2022 माह में यह 167,540 करोड़ रुपए का रहा था, जो उस समय पर एक नया रिकार्ड स्तर बना था। अप्रेल 2023 माह में यह अप्रेल 2022 माह की तुलना में 19,495 करोड़ रुपए अधिक रहा है एवं 11.64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मार्च 2023 माह में GST Collection 160,172 करोड़ रुपए का रहा था एवं वर्ष 2022-23 में वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण का मासिक औसत 1.51 लाख करोड़ रुपए रहा था।

इसी प्रकार, अप्रेल 2023 माह में ही यूपीआई व्यवहारों ने भी अभी तक के एक नए रिकार्ड स्तर को छुआ है, जो 14.07 लाख करोड़ रुपए के 890 करोड़ व्यवहारों के साथ अभी तक के उच्चत्तम स्तर पर पहुंच गया है। साथ ही, फास्टटैग व्यवहार भी अप्रेल 2023 माह में 5149 करोड़ रुपए के 30,50,000 व्यवहारों के साथ अभी तक के अपने उच्चत्तम स्तर पर पहुंच गए है। फास्टटैग व्यवहारों में अप्रेल 2023 माह में 15 प्रतिशत एवं राशि के संग्रहण में 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे भारत में उत्पादों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने को अत्यधिक तेज गति मिलती दिखाई दे रही है। इन व्यवहारों में वृद्धि देश में आर्थिक विकास की दर को और आगे ले जाने में मदद करेगी।

GST Collection संग्रहण में लगातार हो रही वृद्धि में कुछ राज्यों का योगदान निश्चित रूप से बहुत सराहनीय है एवं भारत में यह सहकारी संघवाद के उत्कृष्ट नमूने के रूप में दिखाई दे रहा है। अधिकतम कर राशि संग्रहण के मामले में प्रथम दस बड़े राज्यों में शामिल हैं, महाराष्ट्र (33,196 करोड़ रुपए), कर्नाटक (14,593 करोड़ रुपए), गुजरात (11,721), तमिलनाडु (11,559), उत्तर प्रदेश (10,320), हरियाणा (10,035), पश्चिम बंगाल (6,447), दिल्ली (6,320), तेलंगाना (5,622) एवं ओड़िसा (5,036)।

उक्त राज्यों में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात एवं तमिलनाडु ने अपने राज्यों की अर्थव्यवस्थाओं को आगे आने वाले कुछ वर्षों में एक लाख करोड़ रुपए के सकल घरेलू उत्पाद के स्तर पर ले जाने के लक्ष्य निर्धारित किए हैं। वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण में हो रही वृद्धि के चलते इन राज्यों को उक्त लक्ष्य हासिल करने में निश्चित ही आसानी होगी।

उक्त दस बड़े राज्यों में से कुछ राज्यों सहित कुछ अन्य राज्यों ने अप्रेल 2022 की तुलना में अप्रेल 2023 माह में वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर हासिल की है। अर्थात, इन राज्यों में आर्थिक विकास की गति तेज होती दिखाई दे रही है। ये राज्य हैं, उत्तर प्रदेश (21 प्रतिशत), हरियाणा (22 प्रतिशत), जम्मू एवं काश्मीर (44 प्रतिशत), मध्य प्रदेश (28 प्रतिशत), महाराष्ट्र (21 प्रतिशत), कर्नाटक (23 प्रतिशत), गोवा (32 प्रतिशत) एवं लद्दाख (43 प्रतिशत)।

विशेष रूप से पिछले 9 वर्षों से भारत सरकार द्वारा उत्तर पूर्वी राज्यों के विकास की ओर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। अब वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण के अप्रेल 2023 माह के आंकड़ों को देखकर यह कहा जा सकता है कि केंद्र सरकार के उक्त प्रयास सफल होते दिखाई दे रहे हैं क्योंकि इन राज्यों में वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण में माह अप्रेल 2022 की तुलना में माह अप्रेल 2023 में अतुलनीय वृद्धि दर्ज हुई है। सिक्किम में 61 प्रतिशत, मिजोरम में 53 प्रतिशत, मणिपुर में 32 प्रतिशत, नागालैंड में 29 प्रतिशत, त्रिपुरा में 25 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में 21 प्रतिशत, आसाम में 15 प्रतिशत एवं मेघालय में 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

GST Collection में अग्रणी रहे प्रथम 10 राज्यों में से 5 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन की सरकार है एवं 6ठा राज्य ओड़िसा भी समय समय पर केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन करता दिखाई देता है। इसी प्रकार वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण में अप्रेल 2023 माह के दौरान सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाले 8 राज्यों में भी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन की सरकार अथवा केंद्र सरकार का सीधा शासन है। साथ ही उत्तर पूर्व के 8 राज्यों में से लगभग सभी राज्यों में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन की अथवा केंद्र की समर्थित सरकार है। इस संदर्भ में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार यदि एक ही दल अथवा गठबंधन की हो तो (डबल इंजिन की सरकार वाले राज्य) क्या वास्तव में देश के आर्थिक विकास को यह मॉडल गति देने में सहायक बनता प्रतीत हो रहा है, इस विषय पर विचार किए जाने की आज आवश्यकता है।

हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत में प्रत्यक्ष कर संग्रहण 20.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 19.68 लाख करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया था। साथ ही, वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण भी 22 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए 18.10 लाख करोड़ रुपए के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। देश के नागरिकों द्वारा करों की समय पर की जा रही अदायगी के कारण एवं केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा खर्चों पर नियंत्रण रखने के चलते भारत के कर्ज भी नियंत्रण में बने हुए हैं। इस संदर्भ में अन्य विकसित देशों की स्थिति भारत की तुलना में आज अधिक बिगड़ी हुई नजर आ रही है। अमेरिका पर 30 लाख 40 हज़ार करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज है, चीन पर 13 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का, ब्रिटेन पर 9 लाख करोड़ अमेरिकी डॉलर का, फ्रान्स पर 7 लाख 32 हज़ार करोड़ अमेरिकी डॉलर का जबकि भारत पर केवल 62,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कर्ज है, जो अन्य देशों की तुलना में बहुत कम है। भारत में भारतीय नागरिकों के केंद्र सरकार एवं विभिन्न राज्य सरकारों को दिए जा रहे सहयोग के साथ ही देश में लागू की गई सफल आर्थिक नीतियों के चलते ही यह सम्भव हो पा रहा है।

By Prahlad Sabnani

लेखक परिचय :- श्री प्रह्लाद सबनानी, उप-महाप्रबंधक के पद पर रहते हुए भारतीय स्टेट बैंक, कारपोरेट केंद्र, मुम्बई से सेवा निवृत हुए है। आपने बैंक में उप-महाप्रबंधक (आस्ति देयता प्रबंधन), क्षेत्रीय प्रबंधक (दो विभिन्न स्थानों पर) पदों पर रहते हुए ग्रामीण, अर्ध-शहरी एवं शहरी शाखाओं का नियंत्रण किया। आपने शाखा प्रबंधक (सहायक महाप्रबंधक) के पद पर रहते हुए, नई दिल्ली स्थिति महानगरीय शाखा का सफलता पूर्वक संचालन किया। आप बैंक के आर्थिक अनुसंधान विभाग, कारपोरेट केंद्र, मुम्बई में मुख्य प्रबंधक के पद पर कार्यरत रहे। आपने बैंक में विभिन पदों पर रहते हुए 40 वर्षों का बैंकिंग अनुभव प्राप्त किया। आपने बैंकिंग एवं वित्तीय पत्रिकाओं के लिए विभिन्न विषयों पर लेख लिखे हैं एवं विभिन्न बैंकिंग सम्मेलनों (BANCON) में शोधपत्र भी प्रस्तुत किए हैं। श्री सबनानी ने व्यवसाय प्रशासन में स्नात्तकोतर (MBA) की डिग्री, बैंकिंग एवं वित्त में विशेषज्ञता के साथ, IGNOU, नई दिल्ली से एवं MA (अर्थशास्त्र) की डिग्री, जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से प्राप्त की। आपने CAIIB, बैंक प्रबंधन में डिप्लोमा (DBM), मानव संसाधन प्रबंधन में डिप्लोमा (DHRM) एवं वित्तीय सेवाओं में डिप्लोमा (DFS) भारतीय बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान (IIBF), मुंबई से प्राप्त किया। आपको भारतीय बैंक संघ (IBA), मुंबई द्वारा प्रतिष्ठित “C.H.Bhabha Banking Research Scholarship” प्रदान की गई थी, जिसके अंतर्गत आपने “शाखा लाभप्रदता - इसके सही आँकलन की पद्धति” विषय पर शोध कार्य सफलता पूर्वक सम्पन्न किया। आप तीन पुस्तकों के लेखक भी रहे हैं - (i) विश्व व्यापार संगठन: भारतीय बैंकिंग एवं उद्योग पर प्रभाव (ii) बैंकिंग टुडे एवं (iii) बैंकिंग अप्डेट Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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