देखा जाये तो कश्मीर घाटी हालात सुधरने के बाद से इस समय लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है, जिसके चलते पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि यह कश्मीर पर्यटन के स्वर्ण युग की वापसी है।
अनुच्छेद 370 को हटाने का जो लोग विरोध कर रहे हैं उन्हें यह देखना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर में माहौल सुधरने का कितना लाभ राज्य की पर्यटन आधारित अर्थव्यवस्था को मिल रहा है। हम आपको बता दें कि इस केंद्र शासित प्रदेश में इस साल 1.27 करोड़ पर्यटक आए हैं। साल के अंत तक पर्यटकों का यह आंकड़ा रिकॉर्ड नई ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद भी जताई जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी 2023 से अब तक 1.27 करोड़ पर्यटकों ने कश्मीर का दौरा किया है। देखा जाये तो कश्मीर घाटी हालात सुधरने के बाद से इस समय लाखों देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है, जिसके चलते पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि यह कश्मीर पर्यटन के स्वर्ण युग की वापसी है। इस समय डल झील में हाउसबोट पूरी तरह बुक हो चुकी हैं और शिकारा बोट ग्राहकों से भरी हुई हैं। पर्यटन ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में सबसे अधिक रोजगार पैदा किया है। दूसरी ओर प्रभासाक्षी से बात करते हुए पर्यटकों ने अपनी खुशी का इजहार किया और कहा कि जीवन में एक बार यहां जरूर आना चाहिए।
हम आपको यह भी बता दें कि केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को सूचित किया है कि नीतिगत पहलों और बुनियादी ढांचे पर खर्च में वृद्धि के कारण जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों के आगमन में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि 2022 में 1.88 करोड़ पर्यटक जम्मू-कश्मीर आए थे।