पटना, 05 नवंबर हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन तुलसी और भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप का विवाह कराया जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को तुलसी-शालीग्राम विवाह संपन्न किया जाता है।ऐसा माना जाता है कि तुलसी-शालीग्राम विवाह का आयोजन कराने वाले व्यक्ति को कन्या दान के समान पुण्य मिलता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं जिसके बाद से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो जाती है। वहीं भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने के बाद तुलसी विवाह संपन्न कराया जाता है।कहते हैं कि जो इस दिन श्रीहरि की पूजा करता है उसका भाग्य भी जाग जाता है और जीवन में खुशहाली आती है। इस दिन भगवान विष्णु के विग्रह स्वरूप शालीग्राम जी और माता तुलसी का विवाह भी कराया जाता है।
ऐसी मान्यता है कि तुलसी विवाह के दिन तुलसी माता और भगवान शालिग्राम की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इससे भक्तों के वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही पति-पत्नी में किसी भी तरह की कोई समास्या नहीं रहती हैं. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं और कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी के दिन जागते हैं. इसके बाद उनका विवाह तुलसी से कराया जाता है।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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