पटना :- सम्पत चक अवस्थित वाटर पार्क मे होली का हुर्दंग देखने को मिला , आज लोग एक दुसरे पर चप्पल फेकते नजर आये

भाईजी ये बिहार है शराब बंद है मगर हुरदंग और उमग बदस्तूर जारी है !

 

आपको याद होगा पहले कैसे लोग सुबह की होली कादो (कीचड़) मिटटी से खेलते थे ! हर गावं मे लोग सुबह सवेरे की होली मे एक दुसरे को कीचड़ से भड़े नाली मे फेक देते थे | इसको बिहार मे कादो माटी वाली होली भी कहते थे | सुबह से लेकर दोपहर तक यह सिलसिला बदस्तूर चलता रहता था | साम को हम लोग शालीनता के साथ जिसको गोबार मे डुबाये थे या डूबता हुए देखे थे  | उन्ही के चरणों पर  अबीर रखकर आशीर्वाद लेते थे,

लेकिन आज समय ने करवट ली युवा काम की तलाश मे शहर की ओर रुख कर चुके हैं | पहले लोग होली और छठ पर तो घर आते ही थे लेकिन इस भागम भागम भड़ी जिंदगी मे न जाने सुकून कहीं यादो मे खो सा गया है | छठ भी लोग एकांकी करते हैं और होली मे भी एकांत वास करते हैं | कुछ लोग तो हाइजिन और चेहरा बिगड़ने के डर से घर से निकलते ही नही ! वैसे राजनितिक पार्टियों और कुछ समाजसेवी संगठनो ने आज होली मिल्न समारोह भी  रखा है | लोग आजकल ऑफिस स्कूल कॉलेज मे होली खेलते हैं | आज भी होली पर पटना के ढाबे सुनसान पर जाते , कल मेरे एक दिल्ली के मित्र से बात हो रही थी उन्होंने बताया की दिल्ली का बाजार सुन्न पर गया है अब वो रौनक बाजारों मे नही | होली मिलजुलकर मनाने का त्यौहार है घर मे रंगोली बनाने से काम नही चलेगा अरे निकलिए आइये मैदान मे  मानते है होली | आप सभी को होली की ढेरो शुभकामनाये कुछ मीडिया बंधु लगता है नए नए आये हैं ! उन्हें चप्पल फेकना आश्चर्य लग रहा है ! भाईजी ये बिहार है शराब बंद है मगर हुरदंग और उमग बदस्तूर जारी है | होली है , बहुत बहुत धन्यवाद

 

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