नई दिल्ली, 21 फरवरी 2025: दिल्ली की एक अदालत ने 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार के खिलाफ सजा के ऐलान के लिए 25 फरवरी की तारीख तय की है।
शिकायतकर्ता ने की मौत की सजा की मांग
सुनवाई के दौरान, एक शिकायतकर्ता (जिसके पति और पुत्र को भीड़ ने मार दिया था) ने कोर्ट से सज्जन कुमार को मृत्युदंड देने की अपील की।
शिकायतकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फूलका ने दलील दी—
“सज्जन कुमार ने न केवल भीड़ का नेतृत्व किया, बल्कि लोगों को हिंसा और नरसंहार के लिए उकसाया। ऐसे अपराध के लिए मौत की सजा से कम कुछ भी उचित नहीं होगा।”
सज्जन कुमार को क्यों दोषी ठहराया गया?
12 फरवरी 2025 को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने सज्जन कुमार को 1984 के दंगों के दौरान दो लोगों की हत्या में दोषी पाया।
- दंगों में सैन जसवंत सिंह और उनके बेटे एस. तारुंदीप सिंह की हत्या हुई थी।
- अदालत ने माना कि कुमार ने हिंसक भीड़ को उकसाया था।
- अभियोजन पक्ष ने कुमार की भूमिका बिना किसी संदेह के साबित कर दी।
अब क्या होगा?
- अदालत ने सज्जन कुमार के वकील से दो दिनों के भीतर लिखित दलील प्रस्तुत करने को कहा है।
- 25 फरवरी को अदालत यह तय करेगी कि उन्हें उम्रकैद मिलेगी या फांसी।
1984 दंगों का संदर्भ
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे। दिल्ली में हजारों सिखों की हत्या हुई और कांग्रेस नेताओं पर हिंसा भड़काने के आरोप लगे। सज्जन कुमार इस मामले में सबसे विवादित चेहरों में से एक रहे हैं।