Punjab and Haryana High Court

नूंह जिले में अधिकारियों ने रविवार को एक होटल सहित कुछ अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया, जहां से कथित तौर पर धार्मिक यात्रा पर पथराव किया गया था। उच्च न्यायालय ने ध्वस्तीकरण अभियान का स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार को आगे कोई तोड़फोड नहीं करने का निर्देश दिया। नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद जिले में ध्वस्तीकरण अभियान रोक दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अधिकारियों को अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान रोकने का आदेश दिया है।’’ अधिकारियों ने कहा कि पिछले तीन दिन में जिले में 37 जगहों पर 57.5 एकड़ जमीन से अवैध निर्माण हटाया गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार तक जिले में 162 स्थायी और 591 कच्चे ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुरुग्राम में राठीवास गांव के पास एक ढाबे में शनिवार रात को आग लगा दी गई थी और इस संबंध में उसी रात बिलासपुर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई। गुरुग्राम पुलिस ने यह भी बताया कि उसने रविवार रात सोहना में हिंसा मामले के 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उन्हें एक अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने नूंह में ध्वस्तीकरण अभियान पर सोमवार को रोक लगा दी, जहां पिछले सप्ताह सांप्रदायिक झड़पों के बाद प्रशासन ‘‘अवैध रूप से निर्मित’’ इमारतों पर बुलडोजर चला रहा था। वहीं, अज्ञात लोगों ने गुरुग्राम में एक मजार में इबादत से संबंधित सामग्री में कथित तौर पर आग लगा दी।
न्यायमूर्ति जी एस संधावालिया की अदालत ने नूंह में तोड़फोड़ कार्रवाई का स्वत: संज्ञान लिया और हरियाणा सरकार को ध्वस्तीकरण अभियान रोकने का निर्देश दिया।
अधिकारियों ने कहा था कि जब 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की यात्रा को पथराव करने वाली भीड़ ने निशाना बनाया था तो कुछ इमारतों का इस्तेमाल दंगाइयों द्वारा किया गया था। इसके बाद सांप्रदायिक झड़पें हुईं जो गुरुग्राम तक फैल गईं। हिंसा में होम गार्ड के दो जवान और एक मौलवी समेत छह लोग मारे गए। गुरुग्राम के एक गांव में स्थित मजार में अज्ञात लोगों के एक समूह ने सोमवार तड़के इबादत से संबंधित सामग्री में कथित तौर पर आग लगा दी।

मजार की देखरेख करने वाले व्यक्ति ने कहा कि स्थानीय लोगों द्वारा आग पर काबू पाये जाने तक इबादत से जुड़ी कुछ सामग्री आग में जल गई। मजार में मुस्लिम और हिंदू, दोनों समुदायों के लोग पहुंचते हैं।
मजार की देखरेख करने वाले घसीटा राम द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, रविवार रात साढ़े आठ बजे जब वह खांडसा गांव स्थित मजार से फिरोज गांधी कॉलोनी स्थित अपने घर के लिए निकले तो सब कुछ सामान्य था। उन्होंने सेक्टर-37 पुलिस थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा ‘‘रात लगभग एक बजकर 30 मिनट पर मुझे मजार के पास रहने वाले किसी व्यक्ति का फोन आया कि कुछ अज्ञात लोगों ने इसमें आग लगा दी है।’’
राम ने कहा कि लोगों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया। उन्होंने शिकायत में कहा, ‘‘लेकिन जब मैंने वहां जाकर देखा, तो मजार में रखी गई चढ़ावे की सामग्री जल चुकी थी।’’
राम ने कहा कि उन्हें पता चला कि पांच-छह युवा वहां एकत्र हुए थे और उन्होंने मजार में आग लगायी।

राम ने कहा कि वह करीब सात साल से मजार की देखरेख का काम कर रहे हैं और उन्होंने सभी धर्मों के लोगों को वहां इबादत करते देखा है।
बाजार के बीच स्थित इस छोटी सी मजार की भीतरी दीवारों पर ‘‘पीर बाबा’’ की कब्र के साथ हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें भी हैं। बाहरी दीवार पर एक हिंदू देवता की तस्वीर और ॐ तथा स्वास्तिक के चिह्न बने हुए हैं।
राम ने अपनी शिकायत में कहा कि मजार को आग लगाने की घटना से लोगों की आस्था को ठेस पहुंची है। उन्होंने मांग की कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।
राम ने सोमवार सुबह ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘यह पीर बाबा की दशकों पुरानी मजार है और सभी ग्रामीण यहां आस्था से नमन करते हैं।’’ उन्होंने आशंका जताई कि मजार में रखी सामग्री में आग लगाने की घटना में कुछ बाहरी लोग संलिप्त रहे होंगे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मजार में आगजनी के मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 34 (समान इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा मिलकर काम करना), 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना), 188 (एक लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 436 (मकान को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ से किया गया कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वह आरोपियों की पहचान करने और उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।

यह घटना तब हुई जब पिछले हफ्ते पड़ोसी जिले नूंह में शुरू हुई सांप्रदायिक झड़पों के आसपास के इलाकों में फैलने के मद्देनजर गुरुग्राम में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई थी। गुरुग्राम जिला प्रशासन ने सोमवार को धारा 144 हटा ली।
नूंह जिले में अधिकारियों ने रविवार को एक होटल सहित कुछ अवैध ढांचों को ध्वस्त कर दिया, जहां से कथित तौर पर धार्मिक यात्रा पर पथराव किया गया था। उच्च न्यायालय ने ध्वस्तीकरण अभियान का स्वत: संज्ञान लिया और राज्य सरकार को आगे कोई तोड़फोड नहीं करने का निर्देश दिया।
नूंह के उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि अदालत के आदेश के बाद जिले में ध्वस्तीकरण अभियान रोक दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अधिकारियों को अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान रोकने का आदेश दिया है।’’
अधिकारियों ने कहा कि पिछले तीन दिन में जिले में 37 जगहों पर 57.5 एकड़ जमीन से अवैध निर्माण हटाया गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार तक जिले में 162 स्थायी और 591 कच्चे ढांचों को ध्वस्त कर दिया गया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुरुग्राम में राठीवास गांव के पास एक ढाबे में शनिवार रात को आग लगा दी गई थी और इस संबंध में उसी रात बिलासपुर थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई। गुरुग्राम पुलिस ने यह भी बताया कि उसने रविवार रात सोहना में हिंसा मामले के 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया और उन्हें एक अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

By Aware News 24

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