कांग्रेस ने 16 अगस्त को चीन के साथ सीमा की स्थिति को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और पूछा कि वह ‘भारत माता’ की रक्षा के लिए बयानबाजी से आगे कब बढ़ेगी और सीमा पर यथास्थिति कब बहाल होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘चीन के साथ 19 दौर की वार्ता विफल रही, पिछले 3 साल से हर बार वार्ता विफल रही।’
एक संयुक्त बयान में मंगलवार को कहा गया कि दो दिवसीय सैन्य वार्ता में, भारत और चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के अलावा पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शेष मुद्दों को शीघ्र तरीके से हल करने पर सहमत हुए।
कोर कमांडर-स्तरीय बैठक के 19वें दौर की रीडआउट में बातचीत को “सकारात्मक, रचनात्मक और गहन” बताया गया, लेकिन इसने शेष घर्षण बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी में किसी तत्काल सफलता का संकेत नहीं दिया।
श्री सुरजेवाला ने कहा, “अप्रैल 2020 की यथास्थिति तीन साल और तीन महीने तक बहाल नहीं हुई है।
“भारतीय सेना रणनीतिक डीबीओ हवाई पट्टी या डेमचोक के पास सीएनएन जंक्शन के पास डेपसांग मैदानों में 65 पेट्रोलिंग पॉइंट्स में से 26 पर पेट्रोलिंग नहीं कर सकती है!” कांग्रेस नेता ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, चीनियों ने पेट्रोलिंग पॉइंट 10, 11, 11ए, 12, 13 तक पहुंच को अवरुद्ध कर दिया है।
श्री सुरजेवाला ने मोदी सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा, “चीनियों द्वारा बेशर्मी से कब्जा किए गए भारतीय क्षेत्र को कब खाली कराया जाएगा और चीनी सेना को पीछे धकेला जाएगा?” उन्होंने पूछा, क्या मोदी सरकार ने चीन के कब्जे वाले लगभग 1,000 वर्ग किमी भारतीय क्षेत्र को छोड़ने के लिए समझौता कर लिया है?
“चीन को ‘लाल आंखें’ दिखाकर अप्रैल 2020 की यथास्थिति कब बहाल की जाएगी? क्या पीएम मोदी अब भी इस बात पर कायम हैं कि ‘किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया’ जैसा कि उन्होंने 20 जून, 2020 को सर्वदलीय बैठक में कहा था या क्या उन्होंने गुमराह किया था राष्ट्र, “कांग्रेस राज्यसभा सांसद ने पूछा।
श्री सुरजेवाला ने कहा कि यदि “किसी ने भी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया है”, तो चीनियों के साथ बातचीत क्यों की जा रही है और क्या सेना प्रमुख का यह कहना गलत है कि चीनियों ने भारतीय क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।
उन्होंने यह भी पूछा, “मोदी सरकार “भारत माता” की रक्षा के लिए बयानबाजी से आगे कब बढ़ेगी।”
कांग्रेस चीन के साथ सीमा स्थिति को लेकर सरकार पर सवाल उठाती रही है।