बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना। फाइल | फोटो साभार: रॉयटर्स
बांग्लादेश में स्थिति अस्थिर होने के बीच सीमा सुरक्षा बल ने कहा कि “उसे सरकार से सख्त निर्देश मिले हैं कि बिना वैध दस्तावेजों के किसी को भी देश में प्रवेश की अनुमति न दी जाए।”
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बांग्लादेश सीमा पर स्थिति फिलहाल सामान्य है और वे अपने समकक्ष बॉर्डर गार्ड्स बांग्लादेश (बीजीबी) के संपर्क में हैं।
सीमा सुरक्षा बल ने 5 अगस्त को एक बयान में कहा, “बांग्लादेश में बदली स्थिति को देखते हुए बीएसएफ ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर अलर्ट जारी कर दिया है और सीमा पर तैनात जवानों की संख्या भी बढ़ा दी गई है।”
बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच 5 अगस्त को जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने पद छोड़ा तो हजारों लोगों ने सड़कों पर मार्च किया, उनके सरकारी आवास पर धावा बोला और कीमती सामान लूट लिया।
भारत और बांग्लादेश पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा राज्यों के साथ 4,096 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।
बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि 4 अगस्त को बांग्लादेशी अधिकारियों द्वारा लगाए गए कर्फ्यू के बाद एकीकृत जांच चौकियों (आईसीपी) से माल और वाहनों की आवाजाही नहीं हो रही है।
बीएसएफ अधिकारी ने कहा, “हम बीजीबी के संपर्क में हैं, लेकिन अभी तक सीमा पर लोगों की कोई भीड़ नहीं देखी गई है। अतिरिक्त कर्मियों को तैनात किया गया है और सतर्कता बढ़ा दी गई है। सभी इकाइयों को केंद्र के इस फैसले से अवगत करा दिया गया है कि बिना उचित दस्तावेजों के किसी को भी भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
टिपराहा इंडिजिनस प्रोग्रेसिव रीजनल अलायंस (TIPRA) के संस्थापक प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात की है। वे त्रिपुरा में स्वदेशी लोगों के लिए संवैधानिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
श्री देबबर्मा ने कहा, “माननीय गृह मंत्री @अमित शाह से बात की, जिन्होंने सभी को आश्वासन दिया है कि भारत की सीमाएँ अच्छी तरह सुरक्षित हैं और किसी भी तरह की अवैध घुसपैठ की अनुमति नहीं दी जाएगी। वह स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और उन्होंने हमारे बलों को सीमाओं पर चौकसी बनाए रखने को कहा है।”
परिचालन संबंधी तैयारी
बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने अतिरिक्त महानिदेशक रवि गांधी के साथ परिचालन तैयारियों की समीक्षा के लिए पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के सुंदरबन का दौरा किया।
बीएसएफ ने कहा, ‘‘इस यात्रा का उद्देश्य इन महत्वपूर्ण सीमावर्ती क्षेत्रों में बीएसएफ की परिचालन तैयारियों और रणनीतिक तैनाती की समीक्षा करना है।’’ श्री चौधरी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के भी प्रमुख हैं और उन्हें 3 अगस्त को बीएसएफ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
बीएसएफ ने कहा, “यात्रा की शुरुआत दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय में श्री गांधी द्वारा पूर्वी कमान की विस्तृत जानकारी के साथ हुई। इस जानकारी में पूर्वी कमान की बटालियनों के रणनीतिक परिदृश्य और संचालन को शामिल किया गया, जिसमें महानिदेशक को संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय सीमा पर राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने में बीएसएफ की भूमिका से अवगत कराया गया।”
बीएसएफ महानिदेशक को भारत-बांग्लादेश जल-सीमा पर अस्थायी सीमा चौकियों के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसमें वर्षावन और जल-समृद्ध इलाके की अनूठी चुनौतियों और तस्करी और अवैध सीमा पार सहित सीमा अपराधों से निपटने के लिए लागू किए गए प्रभावी उपायों पर प्रकाश डाला गया।