विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 5 अगस्त को गोवा विधानसभा में अनुसूचित जनजातियों (एसटी) को आरक्षण प्रदान करने के लिए लोकसभा में एक विधेयक पेश किया।
अभी तक राज्य विधानसभा में एसटी समुदाय के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं है।
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इस विधेयक का शीर्षक गोवा राज्य के विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का पुनः समायोजन विधेयक, 2024 है। यह जनगणना आयुक्त को गोवा में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या अधिसूचित करने का अधिकार देगा।
इसके आधार पर, चुनाव आयोग (ईसी) 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में एसटी आरक्षण के लिए रास्ता बनाने हेतु संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश, 2008 में संशोधन करेगा।
विधेयक के कानून बन जाने के बाद चुनाव आयोग अनुसूचित जनजातियों की संशोधित जनसंख्या के आंकड़ों पर विचार करेगा तथा विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र को पुनः समायोजित करेगा।
विधेयक लाने के प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस वर्ष मार्च में मंजूरी दे दी थी, जो 16 मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषणा से कुछ दिन पहले की बात है।
अभी तक 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में कोई भी सीट अनुसूचित जनजाति समुदाय के लिए आरक्षित नहीं है, जबकि एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। एसटी समुदाय मांग कर रहा है कि गोवा की 40 सीटों में से चार सीटें उसके लिए आरक्षित की जाएं।
ऐसा अनुमान है कि गोवा में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 1.5 लाख है।