डॉ. रोहतास कुमार
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बीएचयू के विज्ञान संस्थान में भू-भौतिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. रोहतास (40) की मौत ब्रेन हेमरेज की वजह से हुई थी। हाई ब्लड प्रेशर के कारण उनके मस्तिष्क की नसें फट गईं थीं। इसकी पुष्टि डॉ. रोहतास के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों ने की है। पोस्टमार्टम के बाद डॉ. रोहतास का शव लेकर उनके परिजन सड़क मार्ग से हरियाणा के करनाल के लिए रवाना हो गए।
युवा भूकंप वैज्ञानिक डॉ. रोहतास बीएचयू परिसर में टीचर्स फ्लैट के आवास संख्या-80 में अकेले ही रहते थे। गुरुवार दोपहर डॉ. रोहतास को उनके दोस्तों ने फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। इसके बाद दोस्त आवास पहुंचे। देर तक दरवाजा खटखटाने पर भी नहीं खुला तो उन्होंने प्रॉक्टोरियल बोर्ड को सूचना दी।
सुरक्षाकर्मियों ने दरवाजा तोड़ा तो डॉ. रोहतास बेड पर अचेत पड़े थे। आनन-फानन उन्हें बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। लंका थाने की पुलिस की सूचना पर शुक्रवार को उनके परिजन आए तो शव का पोस्टमार्टम कराया गया।