सरमा ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है, जबकि कांग्रेस ने इसे राजनीतिक हमला बताया
गुवाहाटी, असम —
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई की ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ कथित संबंधों के मामले पर कहा कि यह “चुड़ैल शिकार” नहीं है। सरमा ने जोर देकर कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है और इसमें कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
मुख्य खबर:
कांग्रेस सांसद प्रद्युत बोर्डोलोई के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, सरमा ने मंगलवार को कहा, “आप आने वाले महीनों में हैरान रह जाएंगे। मैं यह दावा करता हूं कि यह चुड़ैल शिकार नहीं है। मैंने पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के तहत भी सेवा की है और ऐसे मामलों की गंभीरता को समझता हूं।”
सरमा ने कहा कि उनकी कार्रवाई पूरी तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा हितों से प्रेरित है। उन्होंने कहा, “मैंने राष्ट्र की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए शपथ ली है, और मैं इसे बनाए रखूंगा, चाहे कुछ भी हो। यह कर्तव्य राजनीति और व्यक्तिगत संबंधों से ऊपर है।”
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
कांग्रेस ने इस मामले को भाजपा की राजनीतिक साजिश बताया है। प्रद्युत बोर्डोलोई ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “असम के लोग ऐसी सरकार की कल्पना नहीं कर सकते। वे जल्द से जल्द मौके पर हिमंत बिस्वा सरमा की इस धूर्त राजनीति का जवाब देंगे।”
गौरव गोगोई ने भी सरमा पर हमला करते हुए कहा कि 2026 के विधानसभा चुनावों में हार का डर भाजपा को ऐसे कदम उठाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
पुलिस जांच:
असम पुलिस ने पाकिस्तानी नागरिक अली तौकीर शेख के खिलाफ एक मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। शेख, जो पाकिस्तान योजना आयोग के सलाहकार और कोलबर्न के पूर्व सहयोगी हैं, पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सरकार का रुख:
असम कैबिनेट ने रविवार को फैसला किया कि गोगोई या उनकी पत्नी के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाएगा, लेकिन पाकिस्तानी नागरिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। राज्य सरकार ने यह भी घोषणा की कि वह केंद्र को लिखेगी कि गोगोई ने ब्रिटिश नागरिक होने के बावजूद दो बार चुनाव लड़ा और जीता।
गोगोई का बचाव:
गोगोई ने आईएसआई के साथ अपनी पत्नी के कथित संबंधों के आरोपों को “हास्यास्पद और मनोरंजक” बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है और उन्होंने कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी।
निष्कर्ष:
यह मामला असम की राजनीति में नई गर्मी ला सकता है, जहां राष्ट्रीय सुरक्षा और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के बीच की रेखा धुंधली होती जा रही है।