व्यपार पर असर
आम लोगो का दुःख (रिहाइसी इलाके और स्थानीय लोगो पर असर)
विभाग का रवैया
बिजली कटौती का ब्योरा
बिहार में बिजली के मीटर के प्रकार
बिहार समस्तीपुर, 2 मई 2024
गर्मी की शुरुआत जब से हुई नार्थ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के हाँथ पाँव फूलने का सिलसिला भी शुरू हो गया है मार्च के अंतिम सप्ताह और अप्रैल के शुरुआत में बिजली थोड़ी थोड़ी देर में कटनी शुरू हुई उससे पहले जब ठंढ का महीना चल रहा था उस वक्त बिजली की औसतन आपूर्ति 24 घंटे हो गई थी मगर जैसे ही गर्मी का आगाज हुआ पहले तो बिजली हर घंटे 10 से 20 मिनट कटने का सिलसिला शुरू हुआ । जैसे ही लोकसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हुआ बिजली में थोडा बहुत सुधार देखने को मिलने लगा बिच बिच में सुचना देकर तो कभी बिना सुचना के बिजली का 3 से 4 घंटे तक गुल होने का सिलसिला चल पड़ा ।
पहले और दुसरे दौर के मतदान के बिच बिजली कुछ कुछ देर में कटती रही मगर फिर भी उसे हम ठीक ठाक कह सकते हैं। हद तो तब हुई जब 29 अप्रैल 2024 दोपहर के 2:30 pm के बाद बिजली लगातार 24 घंटे के लिए गुल हुई सुचना मिली की मोहनपुर फीडर में तकनिकी कारणों से कुछ फाल्ट आया था बताते चले की विभाग बराबर मोहनपुर फीडर के मेन्टेन्स में घंटो बिजली पूर्व में भी काटता रहता है मगर फिर भी फाल्ट का आना किस तरफ इशारा करता है ! या तो ये सिर्फ खाना पूर्ति करते हैं मैंटस के नाम पर या फिर इंजीनियरो को काम ही नहीं करने आता अब क्या मामला है भगवान् ही जाने
व्यपार पर असर
मंगलवार यानी की 30 अप्रैल 2024 को बिजली के हालात को देखते हुए आधे से अधिक शहर के औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद पड़ी मिली
एक रेस्टुरेंट मालिक से बात चित करने पर पता चला की 29 अप्रैल 2024 को जब उन्होंने रेस्तरा बंद किया तब उन्होंने गर्मी को मद्दे नजर रखते हुए फ्रिज की लाइन (बिजली) को बंद नही किया क्योंकि मिठाई और अन्य सामान खराब होने का डर था।
मगर विभाग ने रात भर बिजली दी ही नही सुबह में जैसे ही उन्होंने दूकान खोली एक कस्टमर आया और रसगुल्ले का आर्डर दिया उन्होंने रसगुल्ले फ्रिज से निकाल कर दिए पर यह क्या ! रसगुल्ले बिजली कटौती में खट्टे हो चुके थे।
और भी कल कारखने जो बिजली पर निर्भर है उसकी भी कुछ कुछ यही दशा देखने को मिल रही थी।
आम लोगो का दुःख (रिहाइसी इलाके और स्थानीय लोगो पर असर)
गरीब लोग सडको और दरवाजो पर बैठे मिले वही कुछ लोगो ने छत का भी रुख किया । रात जैसे तैसे बीती, 30 अप्रैल 2024 को भी रात्री में थोड़ी थोड़ी देर पर बिजली कटौती जारी रही दिनांक 1 मई 2024 को स्थति में सुधार देखने को मिला और रात्री तक बिजली एक दम दुरुस्त हो चुकी थी मगर 2 मई 2024 को सुबह 12 बजे तक तो सब ठीक रहा मगर उसके बाद जो हुआ उसके क्या कहने इस बार बिजली कटी नहीं बिजली का वोल्टेज में उताड़ चढ़ाव देखने को मिला । बिजली का वोल्टेज रोलर कोस्टर की तरह कुलाचे मारता दिखा कभी ऊपर तो कभी निचे कई लोगो के कीमती उपकरण इस वोल्टेज के उताड़ चढ़ाव से प्रभावित हुआ और खराब हुआ ।
विभाग का रवैया
अगर आप नार्थ बिहार का ट्विटर हैंडल देखे तो आप समझ सकते हैं की ये लोग कितने मेहनती है ! मगर अधिकारी से जब सवाल पूछा जाता है तो कोई जबाबा ही नहीं मिलता। ये कैसा मेन्टेन्स है जो पिछले 20 वर्षो से चल रहा है मगर खत्म नहीं होता ? एक तरफ तो बिहार के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार कहते हैं की बिजली बिहार के पास इतनी है की हम दूसरे राज्यों को देने में सक्षम है मगर अपने ही राज्य में इसकी आपूर्ति करने में विभाग असमर्थ नजर आता है ।
बिजली कटौती का ब्योरा
https://twitter.com/shubhenduan24/status/1700916411135307791
पिछले साल भी यही हाल था और आज भी कुछ भी नहीं बदला है प्रीपेड मीटर से पहले ही पैसा वसूल लिया जाता है मगर 24 घण्टे बिजली की आपूर्ति करने में विभाग नाकाम नजर आता है हर साल भोज के समय कोहरा रोपने में अर्थात जब गर्मी अत्यधिक बढ़ जाती है तब विभाग मेन्टेन्स करने लगता है। सरकार को सिर्फ पैसा वसूलने से मतलब है कुछ ऐसा ही प्रतीत होता है क्योंकि लगभग सभी पार्टियो के घोषणा पत्र में आपको 200 यूनिट मुफ्त बिजली और वो भी 24 घंटे बिजली देने का वादा आपको मिल जाएगा मगर नितीश कुमार भाजपा के घोषणा पत्र में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिलता है ।
बिहार में बिजली के मीटर के प्रकार
- प्रीपेड मीटर जिसमे आपको पैसा भरवाना पड़ता है वो भी पहले तब ही बिजली मिलेगी
- पोस्ट पेड मीटर:- इस प्रकार के मीटर अभी अब सिर्फ सरकारी विभागों और कुछ बाहुबली लोगो के यहाँ या फिर जो बिजली विभाग से मुहा ठेठी करते हैं उनको ये मीटर का सुख अभी भी मिल रहा है । एक आर टी आई में पूछा गया क्या सरकार पोस्टपेड मीटर खत्म कर देगी ? जबाब मिला जानकारी उपलब्ध नहीं है। हालंकि दिल्ली झारखंड और देश के कई प्रदेशो में इस मीटर को एन्ट्री नहीं मिली मगर बिहार जैसे गरीब प्रदेश में इसको लगाने में थोड़ा भी सोंचा विचारा नहीं गया l&T कंपनी को मीटर लगाने का टेंडर मिल जाता है मगर जदयू के फण्ड में इसके एवज में कितना पैसा दिया गया एलेक्ट्रोल बांड से जग जाहिर है । अब आजकल मालिक है बाजार के हाँथ भी मिला ही लिए हैं प्रधान से अब सैया भयो कोतवाल अब डर काहे का ?
- सब मीटर :- ये एक ऐसा मीटर है जो आपको पटना से लेकर तमाम छोटे छोटे घरो में देखने को मिल जाएगा जो लोग भी अपना छोटा मोटा घर जो की अपार्टमेंट के सकल में नहीं है अगर उसको रेंट करते हैं तो वो एक सब मीटर लगाते है वैसे तो अधिकतम बिजली की दर 6 रूपये प्रति यूनिट है मगर मकान मालीक 8 से 10 रूपये की दर को वसूल करते हैं दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल की सरकार ने इस समस्या को ध्यान में रखते हुए सभी किरायेदारों को भी बिजली के मीटर की सुविधा दे दी सब मीटर को गैरकानूनी कर दिया मगर बिहार सरकार अगर ऐसा कर दे तो उसे घाटा उठाना पर सकता है क्योंकि टैरिफ
अब अगर सब मीटर हटाकर सभी लोगो को अगर मीटर दे दिया जाएगा तो किलोवाट भी प्रति उपभोक्ता कम होगा साथ ही कई सारे लोग जिनका 100 यूनिट से कम खफ्त है जो अभी के दौर में लगभग 8 से 10 रूपये यूनिट अपने लैंडलॉर्ड को चूका रहे हैं उनका काम तो सिर्फ 4.12 रूपये प्रति यूनिट में ही हो जाएगा मगर इससे उपभोक्ता की संख्या बढ़ेगी और विभाग को कम रेवेन्यू मिलेगा इसलिए सरकार भी बस आँख बंद करके तमासा देखती रहती है ।
निष्कर्ष यही है बिहार के लिए, की बिजली कोई सेवा या फिर विकाश के कार्य के लिए नहीं है आज बिजली बिल के नाम पर उपभोक्ताओं से सिर्फ दोहन किया जा रहा है। उसमे भी बहुत ही खराब सेवाओं के साथ । सब्सिडी को हटाकर क्या बिहार सरकार 200 से 300 यूनिट मुफ्त बिजली नहीं दे सकती ? फिर इस तरह का भीख या छलावा जनता से कब तक करेगी सरकार ?