जाम
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स्मार्ट सिटी में 15 लाख से ज्यादा आबादी वाले जाम की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी जाम की समस्या दूर नहीं हो पा रही है। कहीं ठेल-ढकेल पर लगे हुए हैं और अवैध कब्जों के कारण स्थिति खराब हो रही है। गांधी पार्क स्टेशन बस के बाहर खड़ी रोडवेज बसें और प्रमुख चौराहों पर जारी दौड़ते ई-वि ऑटो ट्रैफिक व्यवस्था को खोलने का काम कर रहे हैं। समस्या की लगातार बढ़ती संख्या और बढ़ती जा रही है। इस सब के चलते स्मार्ट सिटी में चौराहों से लेकर कॉमर्स तक में जाम जैसे हालात बने हुए हैं, जिससे शहरवासी परेशान हैं।
यहां रहती है ज्यादा समस्या
शहर का जुड़ा बाजार महावीरगंज, कनेरीगंज, रेलवे रोड, मामू भांजा, सराय हकीम, मीरीमल का प्याऊ, अब्दुल करीम चौराहा, ऊपरकोट, देहली गेट, खैरि रोड, तांगा स्टैंड आगरा रोड, पड़ाव दुबे जगहों पर दिनभर जाम लगा रहता है। इसका मुख्य कारण 5 से 10 फुट नीचे की दूरी पर स्थित दुकानदारों की दुकानें हैं। शहर में जाम की समस्या बढ़ रही है। स्कूलों की छुट्टी के समय का विवरण जैम लगता है। रामघाट रोड स्थित कुछ स्कूलों में पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। स्कूलों के बाहर ही अभिभावक वे क्लासें लेते देखे जाते हैं। आसपास ठेल, ठीक करने वालों का भी जुड़ाव रहता है।
रोडवेज बस के बाहर जाते जाते हैं
गांधी पार्क, सैटेलाइट बस अड्डा, मसूदाबाद बस अड्डा के बाहर रोडवेज बसें लेते रहते हैं, जिससे यहां पर जाम जैसी स्थिति रहती है। बस इसी के आसपास ई-नामकरण और ऑटो की संगति रहती है। इसके अलावा, सड़क के दोनों ओर जुड़ाव भी रहता है। नियम के अनुसार, बाहरी रोडवेज बस बस स्टॉप से सौ मीटर की दूरी पर खड़िया और सवारियों को उसी समय हटा दिया जाता है। लेकिन सच का कागज पर ही पालन हो रहा है।
ये हैं जैम के प्रमुख कारण
- शहर में अटके रास्ते से चलने वाले ई-वि ऑटो।
- प्रमुख चौराहों पर सड़क का किनारा ऊँचा होना।
- शहर में दृश्य करने वाले आवारा पशु।
- व्यस्त में काफी भार-अनलोडिंग का समय तय नहीं करना चाहिए।
- स्कूलों के ठीक बाहर बसों का घड़ा खड़ा है।
- दुकानदारों द्वारा दुकान के बाहर सामान खोलना।
- दुकानों के बाहर पार्किंग के नाम पर काफी जामावड़ा।
शहर में जाम की समस्या से लोग परेशान हैं। प्रमुख दुकानदारों में दुकानदारों ने अपनी बातों के बारे में बताया है, जिसके कारण जैम लगता है। -जितेंद्र कुमार, गांधी पार्क
स्कूल के अंधेरे में शहर में जाम रहता है। ई-मानक और ऑटो कहीं भी बन जाते हैं। करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अलीगढ़ स्मार्ट नहीं बन पाए। -शिखा वार्ष्णेय, मानिक चौक
शहर को पूरा व जाम मुक्त बनाने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की जा रही है। जल्द ही इसका प्रभाव शहर में दिखाई देगा। – प्रशांत सिंघल, मेयर