पटना, 18 मार्च: आज चंद्रगुप्त प्रबंध संस्थान पटना (सीआईएमपी) में आयोजित कार्यक्रम में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (बीएसडीएमए) के उपाध्यक्ष डॉक्टर उदय कांत मिश्रा द्वारा ‘डिजास्टर रिस्क रिडक्शन एंड क्लाइमेट चेंज फ़ॉर एडोलेसेंट्स एंड यूथ’ नामक ई-पाठ्यक्रम का शुभारंभ किया गया। लॉन्च समारोह में मुख्य अतिथि डॉक्टर मिश्रा के अलावा सम्मानित अतिथि प्रोफेसर शरद कुमार यादव, माननीय कुलपति, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना, सुश्री मार्ग्रेट ग्वाडा, प्रमुख, यूनिसेफ बिहार, डॉ. राणा सिंह, निदेशक, सीआईएमपी, श्री कुमोद कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, सीआईएमपी एवं डॉ. सिबानंद सेनापति, सीआईएमपी उपस्थित रहे।
यह पाठ्यक्रम यूनिसेफ और सेंटर फ़ॉर क्लाइमेट रेसिलिएंस, डिजास्टर रिस्क रिडक्शन, एंड वॉटर सैनिटेशन एंड हाइजीन (वॉश) रिसर्च एंड एजुकेशन के संयुक्त प्रयास से तैयार किया गया है। इस सेंटर को सीआईएमपी सेंटर फॉर सीएसआर एंड ईएसजी स्टडीज फाउंडेशन (सीआईएमपी फाउंडेशन) के अंतर्गत एक अनुसंधान और ज्ञान केंद्र के रूप में गठित किया गया है।
सीआईएमपी के निदेशक डॉ. राणा सिंह ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, आपदा जोखिम न्यूनीकरण व स्थायी विकास के ऊपर किशोर-किशोरियों और युवाओं का क्षमतावर्धन करना है ताकि उन्हें बतौर जिम्मेदार नागरिक सार्थक कदम उठाने में मदद मिल सके।
यूनिसेफ बिहार के कार्यक्रम विशेषज्ञ (रिस्क एंड रेजिलिएंस) श्री राजीव कुमार ने पाठ्यक्रम का संक्षिप्त परिचय देते हुए आठ मॉड्यूलों के बारे में बताया। उन्होंने आगे बताया कि इसके व्यापक उपयोग को ध्यान में रखते हुए, कोर्स को लोक सुलभ रखा गया है। कोई भी किशोर-किशोरी, युवा या आम नागरिक इसे निःशुल्क कर सकते हैं।
अपने मुख्य संबोधन में बीएसडीएमए के उपाध्यक्ष डॉ. उदय कांत मिश्रा ने आपदा के विभिन्न पहलुओं को छुआ और यह भी बताया कि युवा कैसे आपदाओं को कम करने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने युवाओं के अंदर तकनीकी दक्षता, विविधता व समावेशिता, पर्यावरणीय चेतना, उद्यमशीलता की भावना और सामाजिक जागरूकता जैसे कौशल की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि वे आपदा प्रबंधन से जुड़ी जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निभा सकते हैं।

इस संदर्भ में उन्होंने प्रमुख जिम्मेदारियों जैसे तैयारी, जागरूकता और शिक्षा, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण, सहयोग और नेटवर्किंग, वंचितसमूहों का सशक्तिकरण, पर्यावरणीय प्रबंधन, स्वयंसेवा, सामुदायिक सहभागिता, एडवोकेसी के ज़रिए नीतियों को प्रभावित करना, आदि की विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि राज्य सरकार के “जल-जीवन-हरियाली” मिशन ने दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया और बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को संयुक्त राष्ट्र के “जलवायु महत्वाकांक्षा गोलमेज सम्मेलन” को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अंत में कहा कि राजनीतिक इच्छाशक्ति और सरकार के निर्णयों को किशोर-किशोरियों और युवाओं की सक्रिय भागीदारी एवं समर्थन मिलने से आपदा जोखिम न्यूनीकरण सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
यूनिसेफ बिहार की प्रमुख सुश्री मार्ग्रेट ग्वाडा ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में सभी प्रकार की आपदाएँ लगभग हर साल होती हैं। साथ ही, अन्य आयु समूहों की तुलना में बच्चों एवं युवाओं पर जलवायु परिवर्तन का सबसे प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसे देखते हुए उन्होंने सभी हितधारकों से मिलकर काम करने का आह्वान किया ताकि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सके। ई-कोर्स की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि इससे किशोर-किशोरियों और युवाओं को राज्य में आपदा और जलवायु परिवर्तन से संबंधित मुद्दों के बारे में अपनी समझ बढ़ाने में मदद मिलेगी। अद्यतन सूचनाओं से लैस किशोर-किशोरी और युवाओं की फ़ौज जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े मुद्दों पर चेंज मेकर्स के रूप में राज्य भर में जागरूकता फैलाने का कार्य करेगी।
आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर शरद कुमार यादव ने युवाओं से आग्रह किया कि वे पूरी गंभीरता से इस पाठ्यक्रम को पूरा करें। इससे उन्हें जोखिम का सही आकलन करने के अलावा लचीलापन विकसित करने और समुदाय को संगठित करने के बारे में सीखने को मिलेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि एकेयू भविष्य में इस तरह के पाठ्यक्रमों में सीआईएमपी के साथ सहयोग करेगा।
कार्यक्रम के दौरान सीआईएमपी के छात्र, संकाय सदस्य व अधिकारीगण, बीएसडीएमए के अधिकारीगण और मीडियाकर्मी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। डॉ. सिबानंद सेनापति ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

By anandkumar

आनंद ने कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है और मास्टर स्तर पर मार्केटिंग और मीडिया मैनेजमेंट की पढ़ाई की है। उन्होंने बाजार और सामाजिक अनुसंधान में एक दशक से अधिक समय तक काम किया। दोनों काम के दायित्वों के कारण और व्यक्तिगत रूचि के लिए भी, उन्होंने पूरे भारत में यात्राएं की हैं। वर्तमान में, वह भारत के 500+ में घूमने, अथवा काम के सिलसिले में जा चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से, वह पटना, बिहार में स्थित है, और इन दिनों संस्कृत विषय से स्नातक (शास्त्री) की पढ़ाई पूरी कर रहें है। एक सामग्री लेखक के रूप में, उनके पास OpIndia, IChowk, और कई अन्य वेबसाइटों और ब्लॉगों पर कई लेख हैं। भगवद् गीता पर उनकी पहली पुस्तक "गीतायन" अमेज़न पर बेस्ट सेलर रह चुकी है। Note:- किसी भी तरह के विवाद उत्प्पन होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चैनल या संस्थान या फिर news website की नही होगी लेखक इसके लिए स्वयम जिम्मेदार होगा, संसथान में काम या सहयोग देने वाले लोगो पर ही मुकदमा दायर किया जा सकता है. कोर्ट के आदेश के बाद ही लेखक की सुचना मुहैया करवाई जाएगी धन्यवाद

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