भारतीय रेलवे द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में 200 प्रमुख रेलवे दुर्घटनाओं में कुल 351 लोगों की जान गई और 970 लोग घायल हो गए। इन दुर्घटनाओं में गंभीर घटनाएं शामिल थीं, जिनमें पटरी से उतरना, ट्रेन की टक्कर और आग लगना शामिल हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कोलकाता स्थित ब्रेथवेट एंड कंपनी का निरीक्षण करते हुए कहा कि दुर्घटनाओं की संख्या में गिरावट आई है। जहां 10 साल पहले प्रति वर्ष 171 दुर्घटनाएं होती थीं, अब यह संख्या घटकर 40 रह गई है। उन्होंने कहा कि यह रेलवे की सुरक्षा सुधार योजनाओं का नतीजा है।
पिछले पांच वर्षों (2019-20 से 2023-24) के दौरान, रेलवे ने दुर्घटनाओं के पीड़ितों को ₹32 करोड़ का मुआवजा वितरित किया। इसमें से ₹26.83 करोड़ मृतकों के परिजनों को, जबकि ₹7 करोड़ घायल यात्रियों को दिए गए।
सबसे घातक घटनाओं में से एक पिछले साल जून में हुई बालासोर ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना थी, जिसमें 297 लोग मारे गए और 637 घायल हो गए। ईस्ट कोस्ट रेलवे जोन में सबसे अधिक 15 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिनमें 20 मौतें हुईं और 79 लोग घायल हुए।
रेलवे सुरक्षा के संदर्भ में, उत्तरी पूर्वी क्षेत्र और कोंकण रेलवे को सबसे सुरक्षित माना गया, जहां कम दुर्घटनाएं और न्यूनतम हताहत हुए।