पटना। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने बिहार सेक्टर, पटना मुख्यालय में आज अपना शौर्य दिवस मनाया। मौके पर छह बलकर्मियों को राष्ट्रपति द्वारा सराहनीय सेवा का पत्र भी प्रदान किया गया। सीआरपीएफ द्वारा प्रत्येक साल 9 अप्रैल को देश भर में शौर्य दिवस मनाया जाता है।
सीआपीएफ़ के हजारों जवानों ने अपना फर्ज निभाते हुए देश के लिए कुर्बानी दी है। इन्होंने अपनी जाबाजी और हिम्मत से ऐसी मिसाल दी है जो पुलिस इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। इनकी दिलेरी और कारनामों को सुनकर हर देशवासी को गर्व होता है और दिल में श्रद्धा उत्पन्न होती है। ऐसे ही पुलिस इतिहास में 9 अप्रैल 1965 का एक कारनामा दर्ज है, जिसमें सीमा से सटे हुए कुछ भारतीय क्षेत्र पर दावा स्थापित करने के लिए पाकिस्तान ने भारतीय सीमा के चौकियों के विरुद्ध ऑपरेशन डेजर्ट हाक चलाया था। रन ऑफ कच्छ गुजरात, सरदार पोस्ट पर सीमा रक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ की दूसरी बटालियन की दो कंपनियों पर एक पाकिस्तानी बिग्रेड ने अचानक हमला कर दिया। संख्या में काफी कम होने के बावजूद सीआरपीएफ के जवानों ने अपनी सूझबूझ, बुद्धिमता और व्यवसायिक दक्षता का परिचय देते हुए पाकिस्तानी सेना के हमले को नाकाम ही नहीं किया बल्कि उनको ऐसा पछाड़ा कि वह अपने 34 सैनिकों की लाश और सात जीवित सैनिकों को छोड़ कर भाग गए। इस कार्रवाई में दूसरी बटालियन के सात जवान शमशेर सिंह, किशोर सिंह, ज्ञान सिंह, गणपत राम, हरिराम, सिंध वीर प्रधान और किशन सिंह शहीद हुए थे। युद्ध इतिहास में यह अद्वितीय घटना थी जिसमें भारी संख्या में सशस्त्र कर्मियों से सुसज्जित बिग्रेड को एक छोटे अद्धसैनिक पुलिस बल ने लगातार 12 घंटे तक मुकाबला कर निकट नहीं आने दिया एवं पूरे बिग्रेड के आक्रमण को निष्फल कर दिया। सीआपीएफ़ के उन नायकों के वीरता पूर्ण कार्य के लिए प्रत्येक वर्ष 9 अप्रैल को शौर्य दिवस के रुप में मनाया जाता है।