जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 21 अगस्त ::
राजकीय संस्कृत महाविद्यालय पटना में
14 अगस्त से 20 अगस्त तक चला
संस्कृत सप्ताह समारोह का हुआ समापन। एक सप्ताह तक चला संस्कृत सप्ताह समारोह में संस्कृत के महत्त्व पर व्याख्यान, संस्कृत का अध्ययन जीविकोपयोगी, आध्यात्मिक, दार्शनिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक महत्त्व भारतीयों के जीवन का अभिन्न अंग विषय पर चर्चा हुई। संस्कृत के प्रचार प्रसार हेतु राजकीय संस्कृत महाविद्यालय पटना का इस कदम को लोगों ने सराहा।
14 से 20 अगस्त तक चली संस्कृत सप्ताह समारोह की अवधि में छात्रों के बीच अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। जिसमें भाषण प्रतियोगिता, चित्र प्रतियोगिता, श्लोक पाठ प्रतियोगिता, सूत्र पाठ प्रतियोगिता, संस्कृत गीत प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, शांति हवन इत्यादि प्रतियोगिताओं आयोजित हुआ।
राजकीय संस्कृत महाविद्यालय पटना में सम्पन्न संस्कृत सप्ताह समारोह में
छात्रों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। साथ ही छात्रों ने संस्कृत में संस्कृत के महत्त्व पर अपना विचार प्रकट किया। शिक्षकों के द्वारा संस्कृत की उपादेयता विषय पर महत्त्वपूर्ण टिप्पणी की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ मनोज कुमार ने किया एवं डॉ ज्योत्सना संयोजिका रही।
उक्त अवसर पर प्रो उमेश शर्मा, डॉ ज्योत्सना, डॉ शिवानंद शुक्ल, डॉ विवेकानंद पासवान, डॉ रामप्रवेश पासवान, डॉ विनिता सुप्रिया, विवेक कुमार तिवारी एवं संस्कृत संजीवन समाज के महासचिव डॉ मुकेश कुमार ओझा उपस्थित थे। छात्रों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए प्रमाण पत्र वितरित किया गया।
संस्कृत सप्ताह समारोह समापन के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया।
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