जितेन्द्र कुमार सिन्हा, पटना, 14 सितम्बर ::

हिन्दी दिवस के अवसर पर दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन एवं भारतीय भाषा अभियान, बिहार के तत्वावधान में संयुक्त रूप से सरस्वती विद्या मंदिर, फुलवारी श्री (फुलवारी शरीफ), पटना में निबंध सह भाषण प्रतियोगिता का आयोजन शनिवार को किया गया। उक्त जानकारी दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के सदस्य सुरेन्द्र कुमार रंजन ने दी।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन फाउंडेशन के निदेशक राकेश दत्त मिश्र, अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिन्हा, भारतीय भाषा अभियान के संरक्षक डॉ अजीत कुमार पाठक, संयोजक इन्द्रदेव प्रसाद, सरस्वती विद्या मंदिर की प्राचार्या सुसुम यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

श्री रंजन ने बताया कि निबंध लेखन एवं बच्चों के अभिभाषण से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। निबंध एवं भाषण का विषय “जनता को न्याय जनता की भाषा हिन्दी में” था। बच्चों ने हिंदी भाषा को विश्व की सबसे प्रचलित भाषा बताया । उन्होंने कहा कि कानून की भाषा भी हिन्दी होनी चाहिए ताकि आम जनता कोर्ट में दिए गए फैसले को आसानी से समझ सके। हिन्दी दिवस पर निबन्ध एवं भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने वाले 50 छात्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस प्रतियोगिता में 50 छात्रों में से 10 भाषण प्रतियोगिता में और 40 निबन्ध प्रतियोगिता में शामिल हुए।

उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में शिरकत कर रहे वक्ताओं ने भी हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। विद्यालय की प्राचार्या ने कहा कि आज मातृभाषा को बोलने में शर्मिंदगी महसूस करते हैं। दस लोगों के समूह में नौ अंग्रेजी बोलने वाले के बीच एक हिन्दी बोलने वाला अपने आप को हीन महसूस करता है जबकि उसे अपने आप पर गर्व होना चाहिए कि उसने अपनी मातृभाषा को गौरवान्वित किया है।

दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के निदेशक आर डी मिश्रा ने कहा कि राष्ट्र, धर्म, संस्कार वह संस्कृति से प्यार करते हैं, उसका संरक्षण व संवर्धन चाहते हैं तो अपनी मातृभाषा तथा राष्ट्रभाषा को सम्मान दें। उन्होंने बच्चों से अपील करते हुए कहा कि जिस तरह से आप अपनी मां से स्नेह रखते हैं उसी प्रकार मातृभाषा हिन्दी से भी स्नेह रखिए और अपने जीवन में इसे आत्मसात कीजिए। उन्होंने बच्चों को हिन्दी भाषा में ही कामकाज करने के लिए शपथ दिलवाई।

दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिन्हा ने भी हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए। हिन्दी हमारी संस्कृति की वाहक भी है। 150 से अधिक देशों में हिन्दी बोली जाती है। गुगल पर खोज करने वाले लोगों में प्रत्येक पाँचवा खोजी हिन्दी का है। हमें अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम ‘हिन्दी’ को बनाना चाहिए। अपने बच्चों को शुद्ध हिन्दी लिखना और बोलना सिखाएँ। हम सभी को हिन्दी भाषा का प्रचार – प्रसार करना चाहिए और जीवन के हर क्षेत्र में हिन्दी भाषा का ही प्रयोग करना चाहिए। कानूनी प्रक्रिया में हिन्दी का प्रयोग करने से कानूनी फैसले को लोग आसानी से समझ सकेंगे और व्यर्थ की परेशानी से बच सकेंगे।

भारतीय भाषा अभियान के संरक्षक डॉ अजित कुमार पाठक ने कहा कि जब तक हिन्दी न्यायालय की भाषा नहीं होगी तब तक जनता को न्याय नहीं मिल सकता।

अधिवक्ता इन्द्र देव प्रसाद ने अपनी पहली हिन्दी याचिका का संस्मरण सुनाया और बताया कि दृढ इच्छा शक्ति के कारण ही हमने अपनी हिन्दी की याचिका सर्वोच्य न्यायालय तक दाखिल करवाया। अन्य वक्ताओं ने भी अपने-अपने विचारों को साझा किया।

अंत में प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के अध्यक्ष जितेन्द्र कुमार सिन्हा, प्राचार्या सुसुम यादव, डॉ अजीत पाठक एवं इन्द्र देव प्रसाद द्वारा प्रमाण पत्र दिया गया। कार्यक्रम का संचालन एवं समापन दिव्य जीर्णोद्धार फाउंडेशन के निदेशक राकेश दत्त मिश्र ने किया।
धन्यवाद ज्ञापन संस्था के सचिव सुबोध कुमार सिंह ने किया।

कार्यक्रम में डॉ राकेश दत्त मिश्र , डॉ अजित कुमार पाठक, इन्द्र देव प्रसाद, लक्ष्मी कान्त पाण्डेय, बैद्यनाथ प्रसाद, नागेन्द्र कुमार, जितेन्द्र कुमार सिन्हा, सुबोध कुमार सिंह, पप्पू कुमार, अंशिका राज , दीपक कुमार, रूप रानी, नीलम कुमारी, आयुष कुमार, हर्षित कुमार, हरिओम सिंह, सुरेन्द्र कुमार रंजन, मौसम कुमारी, स्मृति कुमारी, प्रिय राज , अनिषा, मुस्कान, अलोक, उत्तम कुमार, प्रणव प्रकाश, अमन राज , नितिन कुमार, वैभव आदि, रौनक कुमार, आर्यन राज, सागर कुमार, चिराग नन्दन , सुमित कुमार, शिवम् कुमार, सुशांत राज , अंशुमन तिवारी, विश्वजीत आनन्द, आराध्य कुमारी, वर्ष कुमारी, सोनी कुमारी, अदिति,अंशिका कुमारी, शाम्भवी प्रिय, तनया शर्मा , आस्था कुमारी , आदि उपस्थित थे।
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