दरभंगा: मिथिला विभूति पर्व समारोह के दूसरे दिन आयोजित भव्य मैथिली कवि सम्मेलन में देर रात तक श्रोता भाव सरिता में गोते लगाते रहे। दिल्ली से आई कवयित्री सोनी चौधरी ने स्वरचित जानकी वंदना का सस्वर पाठ किया। इस पर श्रोता खूब मंत्रमुग्ध हुए। कवयित्री आभा झा ने कविता का पाठ करते हुए वर्तमान समय में युवाओं की मनोदशा को रेखांकित किया। रामसेवक ठाकुर ने ‘सीना बंदे मातरम’ पर कविता का स्वर पाठ किया। अर्जुन कविराज ने कविता पाठ करते श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। डा चंद्रमणि ने अपनी कविता के माध्यम से मैथिली का गुणगान किया। विराट मैथिली कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सियाराम झा सरस ने किया। उनकी अध्यक्षीय कविताओं ने दर्शकों के बीच अद्भुत रोमांच उत्पन्न किया। मंच संचालन कविगोष्ठी संयोजक रमेश ने सह संयोजक प्रवीण कुमार झा के साथ मिलकर किया। अन्य कवियों में सतीश मेहता साजन, रघुनाथ मुखिया, डा.महेन्द्र ना राम, मणिकांत झा, सदरेआलम गौहर, अजित आजाद, डा. कमल मोहन चुन्नू, बैद्यनाथ विमल,दिलीप कुमार झा, रुपम झा, मनोज झा, अमित मिश्र, सुमित गुंजन, प्रियरंजन, मालती मिश्र, लक्ष्मीसिंह ठाकुर, स्वर्णिम किरण झा, राजकिशोर झा, शंभु नाथ मिश्र आदि ने अपनी प्रेम, श्रृंगार, हास्य-व्यंग्यरस, वीररस तथा देशप्रेम विषयक रचनाओं से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के महासचिव डा. वैद्यनाथ चौधरी ‘बैजू’ द्वारा किया गया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed