पटना, 11 मार्च: पटना उच्च न्यायालय ने मीर शेफायत हुसैन वक्फ़ एस्टेट, गया की अर्जी पर बिहार राज्य शिया वक्फ़ बोर्ड के आदेश पर रोक लगाते हुए नोटिस भेज कर जवाब-तलब किया है. कोर्ट ने बोर्ड को दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है. आपको बता दें कि बिहार राज्य शिया वक्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अफज़ल अब्बास ने पिछले वर्ष नवम्बर माह में मीर शेफायत हुसैन वक्फ़ एस्टेट, गया के प्रबंधन का कार्य कर रही कमिटी को भंग कर दिया था. इसके विरोध में कमिटी ने उच्च न्यायालय का रूख किया था.
कमिटी के सदस्यों का कहना है कि बोर्ड ने बिना कोई कारण बताए ही कमिटी को भंग कर दिया जो कि नियमों के विरुद्ध है. 27 नवम्बर 2020 को पटना में हुई बोर्ड की एक बैठक में कुल 38 एजेंडों पर चर्चा होना निश्चित किया था जिसमें मीर शेफायत हुसैन वक्फ़ एस्टेट का कहीं जिक्र नहीं था. इसके बावजूद इस मामले को शामिल किया गया और कमिटी भंग कर दी गई.
बैठक के दौरान मीर शेफायत हुसैन वक्फ़ एस्टेट पर हुई चर्चा पर सवाल खड़े करते हुए कमिटी के सदस्यों ने कहा कि बैठक में बोर्ड के कितने सदस्य शामिल थे, उन्होंने इस पर क्या चर्चा की, किस सदस्य ने क्या कहा, जांच का विषय है क्योंकि इन सब के बारे में कुछ नहीं बताया गया है.
मीर शेफायत हुसैन वक्फ़ एस्टेट, गया, बिहार राज्य शिया वक्फ़ बोर्ड में पंजीकृत है. इसकी संपत्ति को वर्ष 1920 में बीवी तौहीदुन्नीसा, सैयद शेफायत हुसैन और बीवी खुरशेदी बेगम द्वारा वक्फ़ किया गया था. वक्फ़नामे के डीड के अनुसार यदि वाकिफों के उत्तरधिकारियों में से कोई जीवित नहीं रहे तो 7 सदस्यी कमिटी इसका प्रबंधन करेगी. बिहार राज्य शिया वक्फ़ बोर्ड द्वारा भंग की गई कमिटी इसी डीड के अनुसार एस्टेट का प्रबंधन कर रही थी.