सही गलत
कभी कभी इंसान सही और गलत के तराजू में भटक जाता है और फिर सोचता है कि सही के साथ…
उन्माद की पत्रकारिता के बिच समाधान ढूंढ़ता
कभी कभी इंसान सही और गलत के तराजू में भटक जाता है और फिर सोचता है कि सही के साथ…
मैं इंसान हूं, मुझे तराजू में न तोलो, मेरे कोमल हृदय को तुम यूं न टटोलो, वहां भी तुम्हें एक…
मैं इंसान हूं by Ankit Paurush A short poem about human being vs religion.I feel if we are good human…
Right vs Wrong | How to take Right Action? | Moral Dilemma | Who gets to decide what is right…
Green India – वृक्ष लगाओ by Ankit Paurush The natural world has been one of the recurring subjects of poetry,…